Saturday, August 2, 2025
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लिवासा अस्पताल, मोहाली ने वर्ल्ड लंग कैंसर डे पर स्क्रीनिंग टेस्ट को महत्वपूर्ण बताया, जिसमें 80% मौतों का प्रमुख कारण धूम्रपान

चीन, अमेरिका, जापान और भारत लंग कैंसर के सबसे ज़्यादा मामलों वाले देश है

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़: लंग कैंसर दुनिया भर में सबसे आम कैंसर है। वर्ष 2022 में इसके 24 लाख मामले सामने आए। चीन, अमेरिका, जापान और भारत लंग कैंसर के सबसे ज़्यादा मामलों वाले शीर्ष 4 देशों में शामिल हैं। भारत लंग कैंसर से होने वाली सबसे ज़्यादा मृत्यु दर वाले शीर्ष 4 देशों में शामिल है। शुक्रवार को लिवासा अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. सोनल ने कहा, “कैंसर से होने वाली सभी मौतों में से हर पाँच में से एक मौत लंग कैंसर के कारण होती है।

लंग कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो लंग में शुरू होता है, आमतौर पर वायुमार्ग की कोशिकाओं में। यह दुनिया भर में सबसे आम और सबसे घातक प्रकार के कैंसर में से एक है, जिसमें 80% मौतों का प्रमुख जोखिम कारण धूम्रपान है। लंग कैंसर के लक्षणों के बारे में बात करते हुए, लिवासा अस्पताल, मोहाली में पल्मोनरी मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. कृतार्थ ने कहा, ” लंग कैंसर में अक्सर लगातार खांसी, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और खून की खांसी शामिल होती है।”

लंग कैंसर का जल्द पता लगाने में स्क्रीनिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। डॉ. कृतार्थ ने बताया कि शुरुआती चरण में ही निदान और उपचार शुरू करने से जीवन प्रत्याशा 5 साल बढ़ सकती है। स्क्रीनिंग के ज़रिए शुरुआती पहचान जीवन बचाने के सबसे शक्तिशाली साधनों में से एक है। डॉ. सोनल ने कहा कि दुर्भाग्य से, दुनिया के कई हिस्सों में इन स्क्रीनिंग कार्यक्रमों तक पहुँच एक चुनौती बनी हुई है।

आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड का एंथे 2025 हुआ लॉन्च, स्कॉलरशिप और एडमिशन के लिए ‘आकाश इनविक्टस ऐस टेस्ट’ की शुरुआत

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कक्षा 5 से 12 तक के छात्रों के लिए 100 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप (₹250 करोड़ तक) और ₹2.5 करोड़ के कैश अवॉर्ड की घोषणा

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़। शुक्रवार को कक्षा 5वीं से 12वीं तक के छात्रों को चुनौतियों से लडऩे और असली प्रॉब्लम सॉल्वर बनाने के लिए प्रेरित और सशक्त बनाने हेतू आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड ने बहुप्रतीक्षित इवेंट प्रमुख इनिशिएटिव एंथे 2025 (आकाश नेशनल टैलेंट हंट एग्ज़ाम) का श्रीगणेश किया ।

ज्ञात रहे कि एंथे 2025 में स्टूडेंट्स को ₹250 करोड़ तक की स्कॉलरशिप दी जा रही है, जो क्लासरूम, आकाश डिजिटल और इन्विक्टस कोर्सेस पर ही लागू होगी। इसके अलावा ₹2.5 करोड़ तक के कैश अवॉर्ड्स भी दिए जाएंगे। कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स की बेस्ट कोचिंग आक़ाश के एक्सपर्ट फैकल्टी द्वारा दी जाएगी। आकाश इन्विक्टस ऐस टेस्ट भी लॉन्च कर रहा जो कक्षा 8 से 12 तक के छात्रों के लिए आकाश इन्विक्टस जेईई एडवांस्ड प्रिपरेशन प्रोग्राम में एडमिशन के लिए है।

यह एक नेशनल-लेवल एलिजिबिलिटी-कम-स्कॉलरशिप टेस्ट है, जोआगामी 24 अगस्त, 31 अगस्त और 7 सितंबर 2025 को आयोजित होगा। तीन घंटे की यह परीक्षा (सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक) ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में उपलब्ध होगी, जिसकी एप्लिकेशन फीस ₹300 है। बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले छात्रों को 100 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप और शानदार कैश प्राइज दिए जाएंगे। आकाश इन्विक्टस प्रोग्राम दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई, बेंगलुरु, लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज, देहरादून, भोपाल, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, रोहतक, हैदराबाद, नमक्कल, कोयंबटूर, भुवनेश्वर, रांची, त्रिची, विशाखापट्टनम, मुंबई, कोलकाता, दुर्गापुर और पटना के इन्विक्टस सेंटर्स पर उपलब्ध रहेगें।

सिटीन्यूज़ नॉउ से जानकारी सांझा करते हुए आकाश के सीईओ और एमडी दीपक मेहरोत्रा ने बताया कि एंथे के जरिए आकाश ने गत डेढ़ दशक में मेधावी छात्रों को उनके सपनों को पूरा करने का अवसर प्रदान किया है। एंथे 2025 छात्रों को सही संसाधन, सहयोग और मोटिवेशन देगा ताकि वे आगे बढ़ें और चमकें। उन्होंने आगे बताया कि इसी साल से इन्विक्टस ऐस टेस्ट भी लॉन्च किया जा रहा जो स्कॉलरशिप और आकाश इन्विक्टस कोर्स में एडमिशन के लिए होगा।

यह परीक्षा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में आयोजित की जाएगी, जिससे देशभर के छात्रों को फ्लेक्सिबिलिटी और पहुंच मिल सके। ऑनलाइन परीक्षा 4 से 12 अक्टूबर 2025 तक होगी, जिसमें छात्र अपनी सुविधा से एक घंटे का स्लॉट चुन सकते हैं। ऑफलाइन एग्ज़ाम 5 और 12 अक्टूबर 2025 को देशभर के 415 से ज़्यादा आकाश सेंटर्स पर होगा, जो 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हैं।

एग्ज़ाम फीस ₹300 है (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों के लिए)। शुरुआती आवेदन करने वालों को 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

दीक्षांत ग्रुप ऑफ स्कूल्स और अल्फा स्पोर्ट्स मैनेजमेंट ने ट्राइसिटी में अत्याधुनिक मल्टी-स्पोर्ट्स एकेडमी की शुरुआत की

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अल्फा स्पोर्ट्स मैनेजमेंट ने कहा कि ट्राइसिटी में बेशुमार खेल प्रतिभाएं हैं, हम खिलाड़ियों को सफलता के रास्ते पर आगे लेकर जाएंगे

सिटीन्यूज़ नॉउ

डेरा बस्सी / चंडीगढ़ : ट्राइसिटी रीजन के स्पोर्ट्स इकोसिस्टम को तेजी से आगे प्रोत्साहित करने के लिए, दीक्षांत ग्रुप ऑफ स्कूल्स ने, एक नई शुरुआत करते हुए खेलों के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सटीक गाइडेंस प्रदान करने वाली आर्गेनाइजेशन अल्फा स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के साथ नई सहभागिता की है। जमीनी स्तर पर उभरती खेल प्रतिभाओं को आगे प्रोत्साहित करने के लिए, डेरा बस्सी स्थित दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल में अल्फा स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के साथ ही एक हाई-परफॉर्मेंस, मल्टी-स्पोर्ट्स ट्रेनिंग एकेडमी शुरू करने की घोषणा की।

यह एकेडमी दीक्षांत ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन मितुल दीक्षित और अल्फा स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के फाउंडर डायरेक्टर सुमित प्रकाश के साझा दृष्टिकोण का परिणाम है। दोनों ग्वालियर के प्रतिष्ठित सिंधिया स्कूल के एलुमनाई हैं। उल्लेखनीय रूप से, सुमित प्रकाश के खेलों के प्रति जुनून ने उन्हें भारत और विदेशों के कई शहरों में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए प्रेरित किया है।

दीक्षांत ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन मितुल दीक्षित और अल्फा स्पोर्ट्स अकादमी के फाउंडर डायरेक्टर सुमित प्रकाश ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इस नई एकेडमी का उद्देश्य क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, शूटिंग, तीरंदाजी, तैराकी और बास्केटबॉल में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करना है।

ट्राइसिटी के ज़ीरकपुर और अब डेराबस्सी में कुछ सबसे सफल स्कूलों के संचालन के लिए जाने जाने वाले मितुल दीक्षित ने कहा, दीक्षांत में, हम बच्चों के ओवरऑल डेवलपमेंट में विश्वास करते हैं। अल्फा स्पोर्ट्स के साथ हमारी साझेदारी हमें उन स्टूडेंट्स के लिए हाई एंड और विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने में सक्षम बनाती है जो भारत और विदेशों में उच्चतम स्तर पर मुकाबला करने की इच्छा रखते हैं। इसमें एक ऑग्रेनाइज्ड स्पोर्ट्स इकोसिस्टम की कमी थी जो न केवल प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रदान करता, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख प्रतियोगिताओं के लिए एक स्पष्ट मार्ग भी प्रदान करता। यही वह कमी है जिसे हम तेजी से पूरा करना चाहते हैं।

एकेडमी रोजाना ट्रेनिंग, वर्कशॉप्स, स्पोर्ट्स टुअर्स एंड एक्सचेंज प्रोग्राम्स, स्पोर्ट्स कंसल्टेंसी और बेहतरीन ट्रेनर्स और एथलीटों के साथ नियमित संपर्क प्रदान करती है – जिसे संस्थापक एक ‘कम्पलीट स्पोर्ट्स सेट-अप’ कहते हैं। यह मल्टी स्पोर्ट्स एकेडमी पूरे ट्राइसिटी के स्कूल स्टूडेंट्स और और महत्वाकांक्षी एथलीटों के लिए खुली है।

पीएसपीसीएल का नए बिजली कनेक्शनों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के संबंध में स्पष्टीकरण

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सिटीन्यूज़ नॉउ

पटियाला / शुक्रवार को पीएसपीसीएल अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि किसी भी उपभोक्ता को केवल इसलिए नया कनेक्शन देने से मना नहीं किया जाएगा क्योंकि वह स्वयं ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ है। उपभोक्ताओं की सहायता के लिए, मोहाली और ज़ीरकपुर डिवीजनों सहित, समर्पित हेल्प डेस्क पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जहाँ पीएसपीसीएल के कर्मचारी न केवल ऑनलाइन आवेदन जमा करने की सुविधा प्रदान करते हैं, बल्कि उन लोगों को भी पूर्ण सहायता प्रदान करते हैं जो स्वतंत्र रूप से डिजिटल प्रक्रिया का पालन करने में असमर्थ हैं।

पीएसपीसीएल कार्यालयों में आने वाले उपभोक्ताओं को हेल्प डेस्क कर्मियों द्वारा मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाती है, जो या तो उन्हें स्वयं ऑनलाइन आवेदन करने में मदद करते हैं या उनकी ओर से पूरी तरह नि:शुल्क आवेदन करते हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, बिचौलियों को खत्म करना और नए आवेदकों के शोषण को रोकना है।

इसके अलावा, माननीय पीएसईआरसी द्वारा जारी नवीनतम आपूर्ति संहिता 2024 के अनुसार, अब सभी घरेलू आपूर्ति (डीएस) कनेक्शनों के लिए, चाहे उनका लोड कुछ भी हो, एक परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इससे पहले, 20 किलोवाट तक के लोड के लिए ऐसी रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं थी।

वितरण निदेशक इंजीनियर इंद्रपाल सिंह ने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए, भ्रष्टाचार से संबंधित कोई भी शिकायत सीधे पीएसपीसीएल को व्हाट्सएप नंबर 96461-75770 पर या एक समर्पित पोर्टल https://द्दह्म्द्वह्य.श्चह्यश्चष्द्य.द्बठ्ठ के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज की जा सकती है।

किसी भी गड़बड़ी में शामिल पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ता 1912ञ्चश्चह्यश्चष्द्य.द्बठ्ठ, द्घड्ढ.ष्शद्व/क्कस्क्कष्टरुक्कड्ढ, &.ष्शद्व/क्कस्क्कष्टरुक्कड्ढ, द्बठ्ठह्यह्लड्डद्दह्म्ड्डद्व.ष्शद्व/क्कस्क्कष्टरुक्कड्ढ पर पीएसपीसीएल हेल्पडेस्क से या 96461-06835 पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी संपर्क कर सकते हैं।

पंचकूला की सड़कें खस्ताहाल, मरीजों को भुगतना पड़ रहा है खामियाजा : प्रदीप गर्ग

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श्री श्याम परिवार ट्रस्ट के सामने टूटी फूटी सड़कों ने मरीजों के लिए बढ़ाई मुश्किलें

पंचकूला । कहने को तो पंचकूला शहर की तुलना पेरिस की सड़कों से की जाती है परंतु वास्तविकता इससे कोस दूर है। इसका साक्षात उदाहरण महज इस बात से ही देखा जा सकता है कि लंबे आर्स से पंचकूला सेक्टर 14 एस सी ओ नंबर 133, श्री श्याम परिवार ट्रस्ट के सामने बनी सड़क टूटी-फूटी हुई है , परंतु आज तक इस सड़क का सुधार नहीं हुआ।

श्री श्याम परिवार ट्रस्ट के सेवादार प्रदीप गर्ग ने कहां की यहां आस-पास करीब दो-तीन हॉस्पिटल होने की वजह से, यहां एंबुलेंस का आना-जाना लगा रहता है । एंबुलेंस को मजबूरन इन खड्डों में से ही गुजरकर आना-जाना होता है, जिस कारण पहले से ही परेशान मरीजों को अतिरिक्त पीड़ा एवं परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानगी की बात है कि चांद ही कदमों की दूरी पर कई महत्वपूर्ण सरकारी ऑफिस है, ऐसे में ऑफिसर्स की गाड़ियां भी निरंतर यहां से गुजरती रहती है।

प्रदीप गर्ग ने ट्रस्ट की तरफ से प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द यहां की सड़कों को दुरुस्त किया जाए एवं आसपास सड़कों के किनारे खड़ी खड़ी जंगली झाड़ियां एवं गंदगी के ढेरों को भी साफ किया जाए। इन गंदगी के ढेरों एवं झाड़ियां की वजह से भी महामारी फैलने का भय हमेशा बना रहता है।

डी.सी. मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ग्रे डे का उल्लासपूर्ण और रचनात्मक आयोजन किया

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सिटीन्यूज़ नॉउ

पंचकुला/ चंडीगढ़ । डी.सी. मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के किंडरगार्टन विभाग में ग्रे डे का आयोजन बड़े ही उत्साह औररचनात्मकता के साथ किया गया, इस अवसर पर विद्यालय के नन्हे विद्यार्थियों से लेकर शिक्षकों तकसभी ने ग्रे रंग के विभिन्न शेड्स के परिधानों में भाग लेकर आयोजन को जीवंत बना दिया। कार्यक्रम कामुख्य उद्देश्य बच्चों में रंगों की पहचान को सशक्त बनाना, दृश्य सौंदर्यबोध को विकसित करना और उन्हेंथीम आधारित शिक्षण के प्रति रुचि दिलाना था।

विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती दीपिका भारद्वाज ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा,“इस प्रकार के विषयगत आयोजन न केवल बच्चों की ज्ञानात्मक क्षमताओं को निखारते हैं,बल्कि उनमें टीम वर्क, आत्मविश्वास और कल्पनाशीलता का भी विकास करते हैं। ग्रे डे जैसे दिन बच्चों कोखेल-खेल में सीखने का अवसर देते हैं, जो प्रारंभिक शिक्षा के लिए अत्यंत उपयोगी है।

कार्यक्रम के अंत में बच्चों ने ग्रे रंग से जुड़ी छोटीप्रस्तुतियाँ दीं और स्मृति स्वरूप गतिविधियाँ लेकर घर लौटे। पूरे आयोजन ने यह सिद्ध किया कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती, और सही वातावरण में बच्चे प्राकृतिक रूप से सीखने की ओर अग्रसर होते हैं। यहदिन बच्चों के लिए शिक्षा और आनंद का अद्भुत संगम बनकर यादगार बन गया।

चंडीगढ़ की सड़कों की बदहाली पर कांग्रेस नेता नरेंद्र चौधरी ने जताई चिंता

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सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़/ चंडीगढ़ कांग्रेस के सचिव और प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र चौधरी ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि निगम “बिना पटरी की रेल” की तरह चल रहा है। उन्होंने चंडीगढ़ की सड़कों की जर्जर हालत पर चिंता जताई। चौधरी ने ददू माजरा गांव और कॉलोनी का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं।

विशेष रूप से, ददू माजरा में एक निजी स्कूल के सामने वाली सड़क की हालत इतनी खराब है कि स्कूली बच्चों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब नगर निगम नागरिकों से हर प्रकार का कर वसूल करता है, तो सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री जैसे मिट्टी और कंकड़ क्यों इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

चौधरी ने कहा कि ददू माजरा की सड़कें सात साल पहले बनी थीं, लेकिन तब से न तो उनकी मरम्मत हुई और न ही पैचवर्क किया गया। बारिश के कारण अब ये सड़कें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं।उन्होंने नगर निगम के महापौर से मांग की कि इन सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य तत्काल शुरू किया जाए।

चंडीगढ़ की गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर 35 से लक्षिता ने कराटे में जीता गोल्ड मेडल

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सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़। जीएमएसएसएस-35 चंडीगढ़ की लक्षिता ने इंटर स्कूल स्टेट टूर्नामेंट 2025-26 में जीता गोल्ड मेडल। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग द्वारा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स सेक्टर-56 चंडीगढ़ में आयोजित इंटर स्कूल स्टेट कराटे टूर्नामेंट 2025-26 में गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर 35-डी, चंडीगढ़ की खिलाड़ी लक्षिता ने लड़कियों के अंडर-19, कराटे की (-60 वेट कैटेगरी) में गोल्ड मेडल जीता।

स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर कुलदीप मेहरा ने बताया कि लक्षिता ने पिछले वर्ष इंटर स्कूल में सिल्वर मेडल जीता था। लेकिन अबकी बार लक्षिता पिछले वर्ष से ज्यादा अच्छी फॉर्म में थी, इसलिए गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रही।

इस बार लक्षिता का टारगेट नेशनल स्कूल गेम्स में मेडल जीतना है। स्कूल की प्रिंसिपल निर्दोष कुमारी ने लक्षिता के गोल्ड मेडल जीतने पर लक्षिता ओर स्कूल के स्पोर्टस टीचर कुलदीप मेहरा को बधाई दी।

एनएचपीसी और आईआईएम जम्मू द्वारा कौशल और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत

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सिटीन्यूज़ नॉउ

फरीदाबाद /चंडीगढ़ | भारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी और विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के एक नवरत्न उद्यम, एनएचपीसी लिमिटेड ने देश के राष्ट्रीय महत्व के प्रमुख संस्थानों में से एक, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), जम्मू के साथ एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

एनएचपीसी निगम मुख्यालय, फरीदाबाद में दिनांक 31.07.2025 को औपचारिक रूप से यह समझौता ज्ञापन, नेतृत्व विकास, संस्थागत शिक्षा और अनुसंधान-संचालित परिवर्तन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से रणनीतिक शिक्षा-उद्योग सहयोग में एक नए अध्याय की शुरुआत है।

श्री उत्तम लाल, निदेशक (कार्मिक), एनएचपीसी, श्री एन.के. जैन, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन), एनएचपीसी और अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर श्री राजीव आर. अस्थाना, महाप्रबंधक (एचआरडी), एनएचपीसी और कमांडर केशवन भास्करन (सेवानिवृत्त), मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, आईआईएम जम्मू ने हस्ताक्षर किए।

हम आईआईएम, जम्मू के साथ मिलकर नवाचारपूर्ण नेतृत्व विकास मार्गों का निर्माण करते हुए गर्व महसूस करते हैं, जो सार्वजनिक क्षेत्र के अगली पीढ़ी के नेताओं को आकार देंगे। यह साझेदारी एनएचपीसी की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जो उच्च-प्रदर्शन करने वाली, भविष्य के लिए तैयार एक कार्यबल को समर्पित है ।

यह साझेदारी सम्मेलन, थीम आधारित सेमिनार और उद्योग-अकादमिक मंचों के आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगी।

पारस हेल्थ ने सार्कोमा अवेयरनेस मंथ पर दिया ज़ोर, समय पर पहचान को बताया जीवन रक्षक : डॉ. विर्क

सार्कोमा का समय पर इलाज जीवन और अंग दोनों बचा सकता है : डॉ. विर्क

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़ / सार्कोमा अवेयरनेस मंथ के अवसर पर पारस हेल्थ ने इस दुर्लभ लेकिन गंभीर कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक अभियान शुरू किया है। सार्कोमा हड्डियों और सॉफ्ट टिशू (मांसपेशियां, नसें, फैट आदि) को प्रभावित करने वाला कैंसर है, जिसकी पहचान अक्सर देर से होती है और इलाज मुश्किल हो जाता है। सार्कोमा के शुरुआती लक्षणों में जोड़ों में लगातार दर्द, गांठ या सूजन, और चलने-फिरने में परेशानी शामिल हो सकती है।

चूंकि यह दर्द रहित भी हो सकता है और कई बार सामान्य लक्षणों जैसा लगता है, इसलिए इसकी अनदेखी आम है। भारत में औसतन 4 से 6 महीने लग जाते हैं सार्कोमा की पहचान में, जिससे ज़्यादातर मरीज़ तब सामने आते हैं जब बीमारी एडवांस स्टेज में पहुंच चुकी होती है। इस गंभीरता को समझाते हुए डॉ. जगनदीप सिंह विर्क, सीनियर कंसल्टेंट, ऑर्थो ऑन्कोलॉजी, पारस हेल्थ ने कहा कि सार्कोमा एक दुर्लभ कैंसर है लेकिन इसके परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार, भारत में 2025 तक 15.7 लाख नए कैंसर केस आने की संभावना है। इसमें सार्कोमा जैसे दुर्लभ कैंसर भी शामिल हैं, जिनकी पहचान में देरी रोगी की जान व अंगों पर भारी पड़ सकती है। डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि हम इलाज के साथ-साथ जागरूकता पर भी बराबर ध्यान दे रहे हैं।

पारस हेल्थ की ऑर्थोपेडिक ऑन्कोलॉजी टीम आधुनिक तकनीकों के साथ इमेज-गाइडेड बायोप्सी, अंग-संरक्षण सर्जरी और रिहैबिलिटेशन प्रदान करती है, जिससे मरीज़ की रिकवरी तेज और बेहतर होती है। सार्कोमा अवेयरनेस मंथ के तहत हॉस्पिटल में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम, मरीज एजुकेशन सेशन और आउटरीच ड्राइव आयोजित किया गया।