सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़ : देश में सस्ती और प्रभावशाली स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने की दिशा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी मान्यता देने की मांग उठाई गई।प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए वर्ल्ड बायो केयर्स हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ( WBCHO ) के अध्यक्ष और Ebio Cares के संस्थापक डॉ. जसविंदर सिंह ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि केंद्र सरकार भी राजस्थान मॉडल को अपनाए और इस पद्धति को देश भर में मान्यता दी जाए।
डॉ. सिंह, जिन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा क्षेत्र में कई पुरस्कार मिल चुके हैं, वर्षों से उन रोगियों का इलाज कर रहे हैं जिन्हें पारंपरिक चिकित्सा से राहत नहीं मिल पाई है। अबतक इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा से वह ऑटिज़्म, एडीएचडी, सेरेब्रल पाल्सी और स्पीच डिसऑर्डर जैसी बीमारियों से प्रभावित हजारों मरीजों को राहत दे चुके हैं।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार ने हाल ही में 30 अप्रैल 2025 को एक अधिसूचना जारी कर राज्य इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड का गठन किया है, जो 1 मई से प्रभावी हो चुका है। इस पांच-सदस्यीय बोर्ड की अध्यक्षता आयुष विभाग के प्रमुख सचिव कर रहे हैं, जो कि इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा की शिक्षा, शोध और चिकित्सकों के पंजीकरण को विधिसम्मत रूप देने का कार्य करेगा।साथ ही, डॉ. सिंह ने उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में भी हो रहे प्रयासों का स्वागत किया है।
डॉ. सिंह का नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर के रूप में दर्ज किया गया है और उन्हें अनेक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। हाल ही में डॉ. सिंह को किर्गिस्तान की ओश मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया, जहाँ उन्हें मानद उपाधि (Honorary Degree) और ‘किर्गीज़ अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है।प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, डॉ. जसविंदर सिंह ने कहा, “देश के कई राज्य जब इस चिकित्सा प्रणाली की संभावनाएं समझ रहे हैं और कानूनी ढांचा तैयार कर रहे हैं, तब केंद्र सरकार को भी अब इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए। इलेक्ट्रोपैथी को वैधानिक दर्जा मिलने से लाखों लोगों को लाभ होगा और चिकित्सा क्षेत्र में एक नया आयाम खुलेगा।”—————————