180 इन्वेस्टरो व ग्राहकों को वापस मिली राशि या घरमिदेशक बोले चाहता तो अंडर ग्राऊंड हो सकता था लेकिन नहीं
सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़। एमर्जिंग इंडिया हाउसिंग ग्रुप ने खरड़ के सेक्टर-115 में अपने महत्वाकांक्षी आवासीय प्रोजेक्ट की घोषणा 2011 में की थी जहाँ 300 से अधिक आवासो का निर्माण हुआ और 2018 में पोजेशन भी दिए गए लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते सभी संवैधानिक अनुमतियों के बावजूद, इसे पंजाब शहरी विकास प्राधिकरण यानी पेडा ने प्रोजेक्ट में कई खामिया बताते हुए के तोड़ दिया गया।
इसके कारण 350 से अधिक घर खरीदार परेशान हो गए और लगभग 200 करोड़ रुपये के दावे लंबित हो गए थे दर्जनों एफ आई आर दर्ज हुई 3 निदेशक पीठ दिखा विदेश चले गए लेकिन ग्रुप निदेशक गुरप्रीत सिंह सिद्धू ने ऐसा नहीं किया क्योंकि वे जानते थे कि मध्यवर्गीय परिवार में पैसों की कीमत क्या होती है इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि वह यहीं रहकर लोगों का समाधान निकालेंगे l
कंज्यूमर कमिशन के देखरेख में अब तक सिद्धू 180 से अधिक ग्राहकों का पैसा लौट चुके हैं या किस बंदरी है या फिर उन्हें प्लॉट या आवास दे दिया गया है बाकी बचे करीब 100 से अधिक लोगों के मामलों का निपटारा भी सप्ताह में तीन दिन जेल से बाहर आकर गुरप्रीत सिंह सिद्धू द्वारा कोर्ट के दिशा अनुसार किया जा रहा है l
कंपनी के समूह स्वामी और प्रबंध निदेशक गुरप्रीत सिंह सिद्धू भी चर्चा का केंद्र बने। उन्हें 2015 में दर्ज एफआईआर के बाद 2021 में हिरासत में लिया गया था और नौ माह बाद जमानत मिल गई थी। 2025 में आत्मसमर्पण के बाद उनकी जमानत रद्द कर दी गई और उन्हें दोबारा जेल भेज दिया गया।
कानूनी चुनौतियों के बावजूद समूह ने मुआवजे की प्रक्रिया जारी रखी, जिससे प्रभावित खरीदारों की शिकायतों के समाधान के प्रति उसकी प्रतिबद्धता झलकी। अधिकारियों ने इस मुआवजा पहल को विश्वास बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम बताया और कहा कि शेष मामलों का भी पारदर्शिता के साथ निपटारा किया जाएगा।