सिटीन्यूज़ नॉउ/सहगल सुशील/सिंह परमदीप
चंडीगढ़। मंगलवार को क्रोनिक किडनी रोग और किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतू पार्क अस्पताल मोहाली के डायरेक्टर रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी डॉ. सुनील कुमार, कंसल्टेंट यूरोलॉजी डॉ. मानव गोयल, कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी डॉ. मुकेश गोयल, कंसल्टेंट एनेस्थीसिया डॉ. मालविका तेंदुलकर, कंसल्टेंट एनेस्थीसिया डॉ. स्वाति गुप्ता, मेडिकल डायरेक्टर पार्क अस्पताल मोहाली डॉ. विमल विभाकर, और सीईओ आशीष चड्ढा ने विशेष जानकारी सांझा की।
सिटीन्यूज़ नॉउ से बात करते हुए डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि हर साल 2.2 लाख नए मरीज क्रॉनिक किडनी फेलियर से पीडि़त होते हैं और उच्च रक्तचाप, मधुमेह, ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस, अन्ट्रीटिड किडनी स्टोन और जन्मजात बीमारियां किडनी फेलियर के मुख्य कारण हैं।
पार्क अस्पताल लिविंग डोनर ट्रांसप्लांट करने मे अपनी अहम भूमिका अदा कर रहा है। जल्द ही कैडेवरिक किडनी, पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट के साथ-साथ रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट शुरू करने जा रहा है।
डॉ मुकेश गोयल ने कहा कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, संक्रमण, मूत्र अवरोध, पथरी रोग और कुछ वंशानुगत असामान्यताओं मुख्य रूप से क्रोनिक किडनी फेल्योर के कारण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर 10 मिनट में एक व्यक्ति को अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहा है और एक सर्वेक्षण के अनुसार प्रति दस लाख की आबादी पर सिर्फ़ एक डोनर ही उपलब्ध है।
डॉ. स्वाति गुप्ता ने कहा कि देश में प्रति दस लाख आबादी (पीएमपी) पर अंग दान करने वाले लोगों की संख्या 0.08 है।डॉ. मालविका तेंदुलकर ने कहा कि अंग दान करके, एक मृत दाता व्यक्ति अंग दान के माध्यम से 8 व्यक्तियों की जान बचा सकता है और ऊतक दान के माध्यम से 50 से अधिक लोगों के जीवन को बेहतर बना सकता है।
सीईओ आशीष चड्ढा ने बताया कि पार्क हॉस्पिटल्स उत्तर भारत का सबसे बड़ा सुपर स्पेशियलिटी नेटवर्क है, जिसमें 14 अस्पताल, 3000 बेड, 800 आईसीयू, 45 ओसीटी, 14 कैथ लैब और 1000 से अधिक डॉक्टर हैं।मेडिकल डायरेक्टर डॉ. विमल विभाकर ने कहा कि पार्क अस्पताल में एक अत्याधुनिक 12 बिस्तरों वाला डायलिसिस केंद्र है जो 24 & 7 डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध कराता है और ईसीएचएस, सीजीएचएस, ईएसआई सीएपीएफ, आयुष्मान और सभी प्रमुख टीपीए और कॉरपोरेट्स के साथ सूचीबद्ध है।