Thursday, October 16, 2025
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गौसेवा केवल पुण्य ही नहीं देती, बल्कि जीवन नैय्या को भवसागर से पार भी कराती है : आचार्य सीताशरण जी

सिटीन्यूज़ नॉउ

चण्डीगढ़। गौ-गंगा कृपाकांक्षी पूज्य श्री गोपाल मणि’ जी के सानिध्य में श्री गोपाल गोलोक धाम, रामेश्वरी भक्ति आश्रम ट्रस्ट शाखा, कैंबवाला, चण्डीगढ़ द्वारा पित्र पक्ष के अवसर पर अमृतमयी धेनुमानस गौकथा श्रद्धेय आचार्य सीताशरण जी के श्रीमुख से हो रही है।

आज कथा में कथाव्यास ने गौसेवा की महिमा को उजागर करते हुए बताया कि किस प्रकार सूर्यवंशी राजा दिलीप ने संतान प्राप्ति के लिए महर्षि वशिष्ठ जी की आज्ञा से गौमाता नंदिनी की सेवा का व्रत लिया। वे प्रतिदिन प्रेमपूर्वक गौमाता की सेवा करते, उनकी रक्षा करते और सच्चे मन से उनकी आराधना करते।

एक दिन गौमाता को बचाने हेतु राजा दिलीप ने अपने प्राण तक अर्पित करने का संकल्प किया। उनकी इस अटूट श्रद्धा और समर्पण से प्रसन्न होकर गौमाता ने उन्हें आशीर्वाद दिया और वे पराक्रमी भगीरथ के पिता बने।

यह प्रसंग हमें सिखाता है कि गौसेवा केवल पुण्य ही नहीं देती, बल्कि जीवन नैय्या को भवसागर से पार भी कराती है और वंश को गौरवशाली बनाती है। कथा उपरांत आरती कर प्रसाद वितरित किया गया। गौकथा 3 सितम्बर को शुरू हुई थी व 9 सितम्बर तक रोजाना दोपहर 2 बजे से सांय 6 बजे तक चलेगी।

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