सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़ :- एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ इंडिया (ESI) द्वारा आज होटल हयात रीजेंसी, चंडीगढ़ में मिड-टर्म ईएसआईकॉन 2025 का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य मधुमेह, मोटापा और पर्यावरण के मानव चयापचय (मेटाबॉलिज़्म) पर पड़ने वाले प्रभाव पर विस्तृत चर्चा करना था।
लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) नरेंद्र कोटवाल, जो कि आयोजन समिति के अध्यक्ष और ESI के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने अपने संबोधन में कहा कि—एंडोक्राइन सिस्टम का स्वास्थ्य पूरी तरह से हमारे पर्यावरण पर निर्भर है। आजकल की जीवनशैली, प्लास्टिक का उपयोग, और अन्य पर्यावरणीय कारक हमारे हार्मोनल संतुलन को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं।
पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. संजय कुमार भदाड़ा ने चिंता जताते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ट्राईसिटी देश में मधुमेह के सबसे अधिक मामलों वाला क्षेत्र बनता जा रहा है।
इस अवसर पर पारस हेल्थ के प्रबंध निदेशक डॉ. धर्मिंदर नागर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि—दुनियाभर के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट लोगों के जीवन और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, विशेष रूप से मधुमेह और उससे संबंधित जटिलताओं को लेकर।