Sunday, August 3, 2025
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चंडीगढ़ में एक ही डोरी पर बंधे सैंकड़ों पतंगों के साथ एकता और भाईचारे का संदेश – परेड ग्राउंड में ‘रूह फेस्टिवल’

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़ के परेड ग्राउंड में आयोजित हो रहे ‘रूह फेस्टिवल’ की सोमवार की शाम पंजाबी संगीत के सुरों में रंग गई, जब मशहूर गायक जसवंत जस्सी ने मंच संभाला। दिन भर रुक-रुक कर हुई बूंदाबांदी ने दर्शकों को थोड़ी देर तक रोके रखा, लेकिन जैसे ही शाम का मौसम सुहावना हुआ, लोग बड़ी संख्या में जस्सी की डिवोशनल और पंजाबी गायकी का आनंद लेने पहुंचे।

कार्यक्रम की शुरुआत जस्सी ने सूफियाना अंदाज में “मैं नीवां मेरा मुरशद उच्चा…” से की, जिसने माहौल को आध्यात्मिक रंग दे दिया। इसके बाद उन्होंने “मेरा पिया घर आया…” और अमीर खुसरो का प्रसिद्ध कलाम “छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके…” सुनाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।

जैसे-जैसे शाम गहराती गई, दर्शकों की मांग पर जस्सी ने टप्पे और पंजाबी डांस नंबर्स की झड़ी लगा दी, जिन पर हर उम्र के लोग जमकर झूमते नजर आए। स्टेज के चारों ओर डांस का उत्साह देखते ही बनता था।गौरतलब है कि जसवंत जस्सी पिछले पंद्रह वर्षों से पंजाबी गायकी में सक्रिय हैं और वे दो बार सरस मेले में प्रस्तुति दे चुके हैं।

उन्होंने प्रसिद्ध कलाकार हॉबी धालीवाल सहित कई बड़े गायकों के साथ स्टेज साझा किया है।वहीं, दिन भर की बारिश के चलते पतंगबाजी के उस्ताद तौसीफ को काफी इंतजार तो करना पड़ा लेकिन , बाद दोपहर परेड ग्राउंड के बजाय सभी की नजरें एकटक आसमान की ओर रंग बिरंगी , एक डोर पर 100 पतंगों की ओर खिंच गयी :आसमान में पतंगों के साथ एकता और भाईचारे का संदेश दिया।

हालांकि, फेस्टिवल के दौरान शिल्पकारों और कलाकारों द्वारा लाइव डेमो का सिलसिला पूरे दिन चलता रहा, जो दर्शकों को पारंपरिक कला और संस्कृति से जोड़ता रहा।पतंगबाजी अमूल्य शौक है , लेकिन अब नहीं मिलते हैं शौकीन , वैसे रेगुलर पतंग उड़ाना हमें रखता है फ़िट , यह कहना है रामपुर के पतंगबाज तौफीक का , ट्रॉफी के स्टॉल में दो इंच से लेकर दो फ़ुट तक की पतंगें मौजूद हैं, और हवा के रुख़ के अनुसार वह रोज़ पतंगबाजी के नुमाइश करेंगे

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