सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़/ करीब 36 सालों से चंडीगढ़ के सेक्टर 53/54 में बसी फर्नीचर मार्केट को आखिरकार प्रशासन द्वारा तोड़ दिया गया। मार्किट में टीन शेड और लकड़ी से बनाई गई करीब 116 दुकानों पर इस्टेट ऑफिस ने जेसीबी मशीनों से कार्रवाई करते हुए ढांचों को गिरा दिया।
चंडीगढ़ पुलिस के भारी बंदोबस्त के बीच प्रशासन के अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में तड़के ही अमला मौके पर पहुंच गया था। जिसके बाद दुकानदारों को दो घंटे की मोहलत देने के बाद ढांचों को मशीनों से उखाड़ा गया और ट्रैक्टर ट्रॉलियां में लोड कर भेज दिया।
दुकानदारों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध भी किया लेकिन अधिकारियों का कहना था कि कई बार समय देने के बावजूद दुकानदारों ने अपनी दुकानें खाली नहीं की जिसके चलते रविवार को यह कार्रवाई करने से पहले 2 घंटे का समय देकर फिर ढांचों को गिराया गया। बता दें कि बीती 12 जुलाई को प्रशासन ने दुकानदारों को तीन दिनों का अल्टीमेटम देकर दुकान खाली करने को कहा था। 116 दुकानदारों में से कुछ ने ही दुकानों में से अपना सामान उठाया था जबकि अन्य प्रशासन से राहत की मांग कर रहे थे।
प्रशासन ने उन्हें सामान उठाने तक की मोहलत नहीं दी और उनकी दुकानें तोड़ दी। कई दुकान में करीब 15 लाख का सामान था। हालांकि, समय रहते उन्होंने सामान हटा दिया था। लेकिन अब इस सामान को वे कहां लेकर जाएंगे। फर्नीचर मार्केट से 5000 परिवारों का पालन होता था जो अब सड़कों पर आ गए हैं।
एक साल पहले शुरू हुई फर्नीचर मार्केट तोड़ने की कवायदमार्किट में मौजूद अधिकारियों का कहना था कि करीब एक साल पहले दुकानदारों को फर्नीचर मार्केट को तोड़ने से पहले अपना सामान उठाने के लिए कहा था। लेकिन दुकानदारों ने ऐसा नहीं किया। इसके बा लगातार प्रशासन उन्हें नोटिस तो कभी मौखिक रूप से फर्नीचर मार्केट पर कार्रवाई होने की बात से अवगत करवाते रहे। दुकानदारों ने ऐसा नहीं किया। सुबह को दुकानदारों ने 2 घंटों के दौरान अपना सामान दुकानों से निकाल दिया था। पिछले एक महीने से दुकानों पर कार्रवाई की बात की जा रही थी।
मंगलवार को कोर्ट में थी सुनवाईफर्नीचर मार्केट को तोड़ने से पूर्व 12 जुलाई को प्रशासन के आदेश जारी होने के बाद कुछ दुकानदार न्यायालय की शरण में चले गए थे। कोर्ट ने मामले में याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार को सुनवाई तय की, मगर रविवार को ही प्रशासन द्वारा बुलडोजर चला कर मार्किट को हटा दिया। दुकानदारों ने कहा शहर के रेजिडेंट्स के साथ प्रशासन ने मखौल किया है।