Tuesday, March 18, 2025
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जेएनएनयूआरएम के तहत मलोया में बने करीब दो सौ मकानों का आवंटन नहीं हुआ

सिटीन्यूज़ नॉउ/सहगल सुशील/सिंह परमदीप

चंडीगढ़ । चंडीगढ़ से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी द्वारा उठाए गए प्रश्नों के उत्तर में भारत सरकार ने माना है कि जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत मलोया में निर्मित मकानों में से लगभग 200 मकान अभी तक आवंटित नहीं किए गए हैं, जो योजना अब 31 मार्च, 2014 को जेएनएनयूआरएम के बंद होने के बाद किफायती किराया आवास परिसरों में परिवर्तित हो गई है।

उल्लेखनीय है कि सांसद द्वारा केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों संबंधी मंत्रालय को पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने बताया है कि सरकार 25 जून, 2015 से प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को बुनियादी सुविधाओं के साथ सभी मौसमों के लिए पक्के मकान उपलब्ध करा रही है। यह योजना चार विभिन्न श्रेणियों, बेनिफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन (बीएलसी), अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (एएचपी), इन-सीटू स्लम रीडिवेलपमेंट (आईएसएसआर) और क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।

यह योजना विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कार्यान्वित की जाती है। इस श्रृंखला के अंतर्गत राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 3 मार्च, 2025 तक भेजे गए प्रस्तावों के तहत मंत्रालय द्वारा कुल 118.64 लाख मकानों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 112.23 लाख मकानों का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है और चंडीगढ़ समेत देशभर में 90.56 लाख मकान लाभार्थियों को दिए जा चुके हैं। इसके अंतर्गत केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कुल 1255 परिवारों को योजना की सीएलएसएस श्रेणी के अंतर्गत लाभान्वित किया गया है। लेकिन जेएनएनयूआरएम के तहत चंडीगढ़ के मलोया में किफायती किराया आवास परिसरों के रूप में स्थापित 2195 घरों में से केवल 1997 घर ही लाभार्थियों को किराये के आधार पर आवंटित किए गए हैं और ये वर्तमान में उपयोग में हैं।

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