सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़: तंबाकू दुनिया भर में रोके जा सकने वाली मौतों का प्रमुख कारण बना हुआ है, जो हर साल लाखों लोगों की जान लेता है। इसके हानिकारक तत्व और अत्यधिक नशे की लत, विशेष रूप से निकोटीन, गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं।
मैक्स हॉस्पिटल मोहाली में मेडिकल और पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. सचिन गुप्ता ने तंबाकू के भयानक परिणामों पर जोर देते हुए कहा कि तंबाकू का सेवन सीधे तौर पर विभिन्न कैंसरों, विशेष रूप से फेफड़े, मुंह और गले के साथ-साथ हृदय संबंधी बीमारियों जैसे दिल के दौरे और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि इससे श्वसन संबंधी स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है, जिससे अक्सर सीओपीडी जैसी दीर्घकालिक बीमारियाँ हो जाती हैं।उन्होंने आगे कहा कि तम्बाकू छोड़ना आसान नहीं है, लेकिन सही सहायता, चिकित्सा परामर्श, निकोटीन प्रतिस्थापन चिकित्सा और जीवनशैली में बदलाव से यह संभव है, जिससे लोगों को तम्बाकू की लत से छुटकारा पाने में काफ़ी मदद मिल सकती है।
डॉ. गुप्ता ने कहा, “प्रारंभिक हस्तक्षेप दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम सभी से आग्रह करते हैं कि वे खुद को और दूसरों को तम्बाकू के खतरों के बारे में शिक्षित करें और छोड़ने की दिशा में सक्रिय कदम उठाएँ।”