Wednesday, September 3, 2025
HomeNewsनिकाले गए कांट्रैक्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की तुरंत बहाली की...

निकाले गए कांट्रैक्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की तुरंत बहाली की मांग : ऑल कांट्रैक्चुअल कर्मचारी संघ भारत

सिटीन्यूज़ नॉउ

चण्डीगढ़। ऑल कांट्रैक्चुअल कर्मचारी संघ भारत, यूटी चंडीगढ़ ने आरोप लगाया है कि चंडीगढ़ प्रशासन बार-बार माननीय कैट, हाईकोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेशों की अवमानना कर रहा है। संघ का कहना है कि विशेष रूप से उच्च शिक्षा विभाग में माननीय न्यायालयों द्वारा मानदेय वृद्धि और नौकरी की सुरक्षा को लेकर दिए गए आदेशों को अफसरशाही व संस्थान प्रमुखों की ज़िद के कारण लागू नहीं किया जा रहा है, जिससे कांट्रैक्ट और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।

गत वर्ष माननीय हाईकोर्ट चंडीगढ़ के एक निर्णय में लगभग 37 याचिकाओं में वर्ष 2011 में कैट चंडीगढ़ द्वारा कांट्रैक्ट कर्मचारियों को बेसिक + डीए देने का निर्णय हुआ था, जिसे हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा तथा उस निर्णय को प्रशासन द्वारा न लागू करने पर पीढीयों द्वारा अवमानना याचिका दायर की गई । प्रशासन द्वारा हाईकोर्ट के निर्णय पर सर्वोच्च न्यायालय में दी गई चुनौती भी खारिज हो चुकी है।

संघ के प्रधान अशोक कुमार ने बताया कि लगभग 28 कांट्रैक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी नौकरी बचाने के लिए कोर्टों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। वहीं लगभग 150 आउटसोर्सिंग कर्मचारी तीन-तीन महीने से बिना वेतन और ज्वाइनिंग के हैं और प्रशासन द्वारा कुछ चहेते आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को ज्वाइन करवाए जाने की ‘पिक एंड चूज’ नीति के कारण दर-दर भटक रहे हैं।

माननीय हाईकोर्ट ने प्रशासन द्वारा युक्तिकरण की आड़ में की जा रही छंटनी पर संज्ञान लेते हुए अवमानना याचिका में हाल ही में चल रही अंतरिम सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे 242 असिस्टेंट प्रोफेसरों को बढ़े हुए मानदेय का एरियर देने, सेवाएं समाप्त करने के बजाय नियमितिकरण पर विचार करने और 15 सितंबर तक स्पष्ट जवाब दाखिल करने का आदेश दें।

उन्होंने मांग की कि सभी निकाले गए असिस्टेंट प्रोफेसरों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को तत्काल बहाल किया जाए तथा अवमानना याचिका में माननीय हाईकोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम निर्देश अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसरों का नियमितिकरण किया जाए अन्यथा केंद्रीय नीतियों के अभाव में साथी राज्यों की पालिसियों अनुसार कांट्रैक्ट व आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments