Tuesday, August 5, 2025
HomeNewsपारंपरिक मेटल प्लेट तकनीक की बजाय फाइबुलर स्ट्रट ग्राफ्टिंग नामक नवाचारी प्रक्रिया...

पारंपरिक मेटल प्लेट तकनीक की बजाय फाइबुलर स्ट्रट ग्राफ्टिंग नामक नवाचारी प्रक्रिया ज्यादा कारगर – डॉ. शिव दास सिद्धू

सिटीन्यूज़ नॉउ

नवांशहर। लिवासा हॉस्पिटल्स नवांशहर में जागरूकता कार्यक्रम के दौरान ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त और कंधे की जटिल फ्रैक्चर से पीडि़त एक महिला की डॉ. शिव दास सिद्धू, ऑर्थोपेडिक कंसल्टेंट ने मेटल प्लेट तकनीक की बजाय फाइबुलर स्ट्रट ग्राफ्टिंग नामक नवाचारी प्रक्रिया से दुर्लभ ऑर्थोपेडिक सर्जरी की।

लिवसा हॉस्पिटल नवांशहर के यूनिट हेड लैइकुज्जमा अंसारी ने कहा कि विशेष रूप से वृद्ध महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस से संबंधित फ्रैक्चर तेजी से बढ़ रहे हैं। जागरूकता और तकनीकी संसाधनों के अभाव से मरीजों को उन्नत उपचार नहीं मिल पाता।

सिटीन्यूज़ नॉउ से बात करते हुए लिवासा हॉस्पिटल्स के डायरेक्टर और सीईओ डॉ. पवन कुमार ने इस नवाचारपूर्ण सर्जरी की सराहना करते हुए कहा कि फाइबुलर स्ट्रट ग्राफ्टिंग एक प्रभावी तकनीक है और लिवासा हॉस्पिटल्स उन्नत मेडिकल तकनीकों और प्रमाण-आधारित अभ्यासों के साथ जटिल मामलों में भी बेहतरीन परिणाम देने के लिए प्रतिबद्ध है।डॉ. शिव दास सिद्धू ने बताया कि मरीज की ही फाइबुला हड्डी का एक हिस्सा निकालकर क्षतिग्रस्त ह्यूमरस बोन में ग्राफ्ट किया गया।

यह तकनीक आंतरिक रूप से हड्डी को मजबूती देने के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से ठीक होने की प्रक्रिया मे सहायक सिद्ध हुई। सर्जरी के साथ-साथ मरीज को तीन महीने तक टेरेपैराटाइड इंजेक्शन्स भी दिए गए जो नई हड्डी बनने में मदद करते हैं। इस दोहरे इलाज से महिला अपेक्षा से कहीं तेजी से राहत पाकर चलने-फिरने लगी हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments