तनाव, स्क्रीन टाइम और खराब दिनचर्या से बिगड़ रही है युवाओं की ब्रेन हेल्थ: डा. अनुराग लांबा
पंचकूला / वर्ल्ड ब्रेन डे के अवसर पर पारस हेल्थ ने ब्रेन से जुड़ी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने और समय पर इलाज के महत्व को रेखांकित करने के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की। इस वर्ष की वैश्विक थीम “ब्रेन हेल्थ फॉर ऑल” के अंतर्गत अस्पताल ने आमजन से अपील की कि वे अपने मस्तिष्क स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
पारस हेल्थ पंचकूला के वरिष्ठ निदेशक, न्यूरोलॉजी विभाग, डॉ. दीपक गुप्ता ने कहा, “स्ट्रोक, मिर्गी, डिमेंशिया और पार्किंसंस जैसी बीमारियों में समय ही सबसे बड़ा इलाज है। एक मिनट की देरी ब्रेन को स्थायी नुकसान पहुँचा सकती है। भारत में लगातार बढ़ती उम्र, शहरीकरण, अनियमित दिनचर्या और तनाव जैसे कारणों से न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए पारस हेल्थ पंचकूला ने अपने न्यूरोसाइंसेज विभाग को अत्याधुनिक सुविधाओं और विशेषज्ञों की टीम से सुसज्जित किया है।
डा. अनुराग लांबा, निदेशक, न्यूरोलॉजी, ने बताया कि आज की तनावपूर्ण जीवनशैली और बढ़ते स्क्रीन टाइम के कारण अब युवा भी माइग्रेन, एंग्जायटी और नींद संबंधी विकारों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ब्रेन हेल्थ अब सिर्फ बुजुर्गों का मुद्दा नहीं रहा। डिजिटल डिटॉक्स, नियमित व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल जैसे कदम आज की ज़रूरत हैं।
जन-जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए अस्पताल द्वारा निशुल्क स्क्रीनिंग कैंप, हेल्थ टॉक्स और सामुदायिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। पारस हेल्थ का उद्देश्य है, हर उम्र के व्यक्ति को उच्च गुणवत्ता वाली न्यूरोलॉजिकल देखभाल प्रदान कर एक स्वस्थ और सशक्त समाज का निर्माण करना।