Sunday, August 3, 2025
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पार्क ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के कृष्णा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ऑर्थो, बेरिएट्रिक सर्जरी कैंप में 200+ मरीजों की जांच की गई

सिटीन्यूज़ नॉउ

बठिंडा/ पार्क ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की इकाई कृष्णा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, बठिंडा में गुरुवार को नि:शुल्क ऑर्थो एवं बेरिएट्रिक सर्जरी कैंप में 200 से अधिक मरीजों की जांच की गई।पार्क ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, उत्तरी भारत का सबसे बड़ा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल नेटवर्क है, जिसमें 19 अस्पताल, 3500+ बेड्स, 800 ICU बेड्स, 14 कैथ लैब्स, 45 मॉड्यूलर OT और 1000 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं, जो उन्नत, नैतिक और मरीज-केंद्रित चिकित्सा सेवाओं के लिए समर्पित हैं।

कृष्णा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, बठिंडा सीजीएचएस, ईसीएचएस, आयुष्मान भारत, पंजाब सरकार और सभी प्रमुख टीपीए और कॉर्पोरेट पैनलों के साथ सूचीबद्ध है। कैंप में हड्डियों से जुड़ी समस्याओं और मोटापे से संबंधित रोगों की जांच की गई ।

कैंप में डायरेक्टर, रोबोटिक आर्थ्रोप्लास्टी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डॉ. भानु प्रताप सिंह सलूजा, एसोसिएट डायरेक्टर बेरिएट्रिक एवं मेटाबॉलिक सर्जरी डॉ. अमित गर्ग ने मरीजों को नि:शुल्क ऑर्थोपेडिक एवं बेरिएट्रिक परामर्श, फिजियोथेरेपी मार्गदर्शन, और नि:शुल्क एक्स-रे तथा जांच सुविधाएं प्रदान की गईं। इस अवसर पर डॉ. भानु ने ‘पार्क महोत्सव’ के तहत उपलब्ध आधुनिक रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट तकनीक के बारे में जानकारी दी, जिसके तहत योग्य मरीजों को 31 अगस्त 2025 तक नि:शुल्क रोबोटिक तकनीक उपलब्ध करवाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि हमारी रोबोटिक नी सर्जरी, जो 3D ऑगमेंटेड रियलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सशक्त है, केवल 12–15 मिनट में पूरी हो जाती है। इसमें न तो रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है, न ही टांके और ड्रेन लगाने की। यह सर्जरी सिर्फ 3.5–4 इंच की छोटी चीरा विधि से की जाती है। मरीज को 4 घंटे बाद चलने दिया जाता है । मरीज अगले दिन सीढ़ियां चढ़ सकता है और 7–10 दिनों में पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है,”

भारत में मोटापे की बढ़ती समस्या पर डॉ. अमित गर्ग ने बताया कि भारत अब दुनिया के शीर्ष 3 देशों में शामिल है जहाँ मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। बच्चों और किशोरों में मोटापे की दर भी चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। मोटापा केवल वज़न नहीं, बल्कि एक गंभीर मेटाबॉलिक बीमारी है, जो डायबिटीज़, हृदय रोग, लिवर की समस्याएं, बांझपन और कैंसर तक के जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है।

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