सिटीन्यूज़ नॉउ
चण्डीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र शासन व्यवस्था को मजबूत और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस स्टूडेंट्स काउंसिल (पीयूसीएससी) के उपाध्यक्ष अर्चित गर्ग ने पीयू वीसी प्रो. (डॉ.) रेणु विग और डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर (डीएसडबल्यू) कार्यालय की कार्यप्रणाली की निगरानी कर रही समिति को एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा है।
इस ज्ञापन में पीयूसीएससी के लिए एक औपचारिक संविधान तैयार करने हेतु संविधान मसौदा समिति के गठन की मांग की गई है।ज्ञापन में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि छात्र परिषद के पास कोई लिखित और लागू करने योग्य ढांचा नहीं है, जिससे इसकी भूमिका और जिम्मेदारियों को लेकर छात्रों और प्रशासन दोनों के बीच अस्पष्टता बनी रहती है।
अर्चित गर्ग ने कहा कि वर्तमान में परिषद बिना किसी औपचारिक संविधान के कार्य कर रही है, जिससे यह परिषद दिखने में तो मौजूद है, लेकिन इसकी कोई स्पष्ट आवाज़ या प्रभाव नहीं है। यह चुनी तो जाती है, लेकिन अधिकारविहीन है।यह ज्ञापन हाल ही में कैंपस में हुई घटनाओं के बाद सामने आया है, जिनसे परिषद की प्रक्रिया और प्रतिनिधित्व की खामियों का पता चला। गर्ग ने कहा कि हम केवल नीतिगत संकट का सामना नहीं कर रहे, बल्कि यह प्रतिनिधित्व, जवाबदेही और वैधता का भी संकट है।
अर्चित गर्ग ने कहा कि एक संविधान परिषद को संस्थागत स्मृति, कार्यकालों में निरंतरता और 15,000 से अधिक छात्रों का वैध प्रतिनिधित्व प्रदान करेगा।यह पहल पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र नेतृत्व को सशक्त और लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समावेशी और जवाबदेह संस्थागत ढांचे की व्यापक दृष्टि को दर्शाता है।