सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़: बचपन में अपने दाहिने पैर पर लगी जलने की चोटों के दीर्घकालिक प्रभावों से पीड़ित 61 वर्षीय एक व्यक्ति का हाल ही में लिवासा अस्पताल, मोहाली में प्लास्टिक सर्जरी के उन्नत तरीके से इलाज किया गया।
जालंधर का यह मरीज बचपन में लगी जलन के कारण पैर के निचले हिस्से में अस्थिर निशान और बार-बार होने वाले अल्सर के साथ जी रहा था। वर्षों तक कई सर्जरी और उपचार करवाने के बावजूद, उसे कोई स्थायी राहत नहीं मिली। प्लास्टिक सर्जन डॉ. निखिल मक्कड़ ने बताया कि मरीज के पहले से जले हुए हिस्से पर पुराना अल्सर हो गया था।
डॉ. मक्कड़ ने बताया कि हमने एक उन्नत तरीका अपनाया जिसमें क्षतिग्रस्त टिशू को हटाने के लिए हाइड्रो-डिब्राइडमेंट से यथासंभव स्वस्थ टिशू को संरक्षित किया गया । मक्कड़ ने कहा, “डिब्राइडमेंट के बाद, घाव पर एक मजबूत, सप्पोर्टिव परत बनाने के लिए त्वचीय विकल्प लगाए गए। इसके बाद ऑप्टीमल हीलिंग और रेस्टोरेशन सुनिश्चित करने के लिए स्किन ग्राफ्टिंग किया गया। परिणाम उत्कृष्ट रहे।
उन्होंने कहा कि त्वचा और मांसपेशियों में रक्त की आपूर्ति की बेहतर समझ ने उन्नत फ्लैप तकनीकों, ग्राफ्ट और पुनर्योजी विधियों का मार्ग प्रशस्त किया है, जिससे इस तरह के जटिल मामलों के परिणामों में सुधार हुआ है।