सिटीन्यूज़ नॉउ
पंचकूला। फोर्टिस अस्पताल के डॉ. सुधांशु बुडाकोटी, सीनियर कंसल्टेंट-कार्डियोलॉजी ने इन्ट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड व अल्ट्रा-लो कॉन्ट्रास्ट एंजियोप्लास्टी तकनीक द्वारा क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ से पीडि़त बुज़ुर्ग मरीज की जटिल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की। मरीज की स्थिर स्थिति देखते हुए उसे दो दिन में डिस्चार्ज कर दिया गया।
ज्ञात रहे कि रोगी क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ से जूझ रहा था। वह क्रिएटिनिन स्तर अधिक, सीने में तेज दर्द, सांस की तकलीफ और कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ से लड़ रहा था। ऐसे मे कांवेंशनल एंजियोप्लास्टी जोखिम भरी रहती।
चूंकि रक्त वाहिकाओं को देखने के लिए कॉन्ट्रास्ट डाई के इस्तेमाल से किडनी की कार्यक्षमता को नुकसान पहुँचने की संभावना बनी रहती है। जबकि अल्ट्रा-लो कॉन्ट्रास्ट तकनीक और आईवीयूएस इमेजिंग के जरिए किडनी को नुकसान या डायलिसिस से बचाया गया।
सिटीन्यूज़ नॉउ से जानकारी सांझा करते हुए डॉ. बुडाकोटी ने बताया कि आईवीयूएस और ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी जैसी उन्नत इमेजिंग तकनीक उच्च जोखिम वाले हृदय रोगियों के इलाज में इस्तेमाल की जाती हैं। उन्होंने बताया कि ये तकनीकें जटिल मामलों में श्रेष्ठ परिणाम प्रदान करती हैं।
आईवीयूएस ध्वनि तरंगों से रक्त वाहिकाओं की आंतरिक संरचना,अवरोधों की सटीक माप और स्टेंट की उचित स्थिति सुनिश्चित की जा सकती है। वहीं ओसीटी जैसी अत्याधुनिक इमेजिंग तकनीक कोरोनरी धमनियों की उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियां सटीक निदान और उपचार योजना मे कारगर है।