सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़। फोर्टिस मे हृदय रोगों मे हाई-रिस्क मरीजों के लिए अत्याधुनिक इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी उपचार उपलब्ध है।हाल ही मे 93 वर्षीय जटिल हृदय रोग से ग्रस्त और शारीरिकरूप से कमजोर बुजुर्ग की बड़ी हृदय धमनी में ब्लॉकेज का एडवांस्ड एंजियोप्लास्टी से सफल इलाज किया। उधर 70 वर्षीय मधुमेह, हृदय विफलता, गुर्दे की समस्या और तीन हृदय धमनियों में रुकावट से पीडि़त मरीज की भी जटिल और जोखिमपूर्ण एंजियोप्लास्टी की गई।
सिटीन्यूज़ नॉउ से जानकारी सांझा करते हुए कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुधांशु बुडाकोटी ने बताया कि 93 वर्षीय मरीज को हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी और कोरोनरी आर्टरी डिजीज थी। उम्र और कमजोरी को देखते हुए उन्हे सर्जरी के बजाए दवाइयों से उपचार दिया गया। अनुकूलित चिकित्सा उपचार के बावजूद उनकी दोबारा एंजियोग्राफी कराई गई। डॉ. सुधांशु ने रोटाब्लेशन, इंट्रावैस्कुलर लिथोट्रिप्सी (आईवीएल) और लेजऱ के माध्यम से मरीज को आईवीएल तकनीक से जटिल एंजियोप्लास्टी देकर रक्त प्रवाह पुन: सुचारु किया।
डॉ. सुधांशु बुडाकोटी ने आगे बताया कि 70 वर्षीय मधुमेह से ग्रसित पुरुष ऐनल फिस्टुला की सर्जरी से पहले कार्डियक क्लियरेंस के लिए आए थे। उनकी उम्र को देखते हुए बायपास सर्जरी की बजाए कैल्शियम मॉडिफिकेशन के लिए आईवीएल तकनीक की सहायता से उच्च जोखिम वाली एंजियोप्लास्टी की गई। प्रक्रिया के दौरान मरीज की गुर्दों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बहुत ही कम मात्रा में डाई का उपयोग किया गया और अगले ही दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।