सिटीन्यूज़ नॉउ/सहगल सुशील/सिंह परमदीप
खरड़। रविवार को मॉडल, एक्टर प्रिंस नरूला ने पिंक लाइंस आईवीएफ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर इन विट्रो फर्टीलाइजेशन से जुड़े हुए मिथकों को तोड़ते हुए डॉक्टर मल्लिका ने कहा कि चाहे डायबेटिक महिला हो या फिर 40 वर्ष से अधिक आयु का पुरुष ,या फिर बार बार फेल हो रहा आईवीएफ , इन सभी में इन विट्रो फर्टीलाइजेशन कारगर है।
डॉ मल्लिका ने बताया कि असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी रेगुलेशन एक्ट के मुताबिक आईवीएफ कराने की महिला की उम्र 21 साल से लेकर 50 साल तक की है, जबकि पुरुषों की उम्र 55 साल की है|
सिटीन्यूज़ नॉउ से जानकारी सांझा करते हुए डॉक्टर मल्लिका ने बताया कि मेनोपॉज के बाद भी महिलाएं आईवीएफ करा सकती है। अगर महिलाओं का पीरियड बंद भी हो जाए तो भी महिलाओं में दवाइयों से लाइनिंग बनाकर भी आईवीएफ किया जा सकता है।
ज्ञात रहे कि बार-बार आईवीएफ फेल होने के लिए मेल और फीमेल दोनों ही जिम्मेदार हैं। फीमेल में एग्स की कमी यापुरुष में स्पर्म क्वालिटी खराब होना ही इसका मुख्य कारण है।
आईवीएफ में जो बच्चा बना उसमें एग्स की खराब क्वालिटी होनाएग्स ट्रांसफर करने में कुछ परेशानी होना endometrium का पतला या अनहेल्दी होनाकुछ Ovarian Factors जैसे अंडाशय का सही से हार्मोनल सिमुलेशन न होनाउम्र के साथ अंडों की गुणवत्ता और संख्या कम हो जाना Embryo Implantation ठीक से नहीं होनामोटापा,खराब डाइट,बिगड़ता लाइफस्टाइलहेल्थ प्रॉब्लम जैसे एंडोमेट्रियोसिस, Polycystic Ovary Syndrome,ऑटोइम्यून बीमारियां और clotting disorders की परेशानी हो सकती है।
दम्पति व आईवीएफ एक्सपर्ट में आपसी तालमेल ही आईवीएफ को सफल बनाने में कारगर है ।