सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि पुरुष बॉडीबिल्डर एथलीटों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा पाँच गुना ज्यादा होता है। ऐसा कई कारणों से होता है। पार्क हॉस्पिटल, मोहाली में कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी के चेयरमैन, डॉ. एचएस बेदी ने इस बारे में बताते हुए कहा कि ऐसे एथलीटों को कार्डियोमायोपैथी नामक हृदय विकार हो सकता है, जिससे अचानक हृदय मृत्यु (एससीडी) होने का खतरा रहता है।
डॉ. बेदी ने बताया कि कार्डियक इको नामक एक साधारण परीक्षण से इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा, इन एथलीटों को कभी-कभी एनाबॉलिक स्टेरॉयड और प्रोटीन सप्लीमेंट दिए जाते हैं, जो हृदय और गुर्दे को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अत्यधिक व्यायाम हृदय पर अनावश्यक रूप से भारी दबाव डाल सकता है।उन्होंने एक पूर्व मिस्टर पंजाब का ज़िक्र किया, जिन्हें उपरोक्त कारकों के संयोजन के कारण कम उम्र में ही हृदय रोग हो गया था। डॉ. बेदी ने उनकी सफलतापूर्वक बाईपास सर्जरी की थी। डॉ. बेदी ने बताया कि प्रतिष्ठित यूरोपियन हार्ट जर्नल में मई 2025 में प्रकाशित एक शोध पत्र में उपरोक्त सभी बातों का वैज्ञानिक रूप से दस्तावेजीकरण किया गया है।
डॉ. बेदी ने कहा कि इसमें कहा गया है कि हमारे बॉडीबिल्डर एथलीटों में दिल के दौरे के जोखिम को नियंत्रित रखने के लिए नियमित हृदय जांच, एक योग्य प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में एक क्रमबद्ध व्यायाम योजना, विवेकपूर्ण कम वसा वाला, बिना तले आहार और किसी भी दवा या कृत्रिम पूरक से परहेज करना जरूरी है।