सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़: भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते रुझान और ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए, पार्क हॉस्पिटल मोहाली के डॉक्टरों की एक टीम और डायरेक्टर मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. (ब्रिगेडियर) हरिंदर पाल सिंह, सीनियर कंसलटेंट ने गुरुवार को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर भारत में ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते रुझानों के बारे मे बताया।
पार्क हॉस्पिटल्स उत्तर भारत का सबसे बड़ा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल नेटवर्क है, जिसमें 19 अस्पताल, 3500 बेड, 800 आईसीयू बेड, 14 कैथ लैब, 45 मॉड्यूलर ओटी और 1000 से अधिक डॉक्टर हैं।
डायरेक्टर मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. (ब्रिगेडियर) हरिंदर पाल सिंह ने कहा की 4 दशकों से अधिक समय तक, भारत में सर्वाइकल कैंसर सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी थी। लेकिन ब्रेस्ट कैंसर लगातार बढ़ रहा है और घातक जानलेवा बीमारी बन गई है। ब्रेस्ट कैंसर से हर साल 2.1 मिलियन महिलाएं प्रभावित होती हैं और देश में हर साल 1.90 लाख नए मामले सामने आते हैं।
मेडिकल ऑन्कोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. मुवीन कुमार मित्तल ने कहा, “कुछ दशक पहले, ब्रेस्ट कैंसर पचास साल की उम्र के बाद ही देखा जाता था, और इस बीमारी से पीड़ित युवा महिलाओं की संख्या कम थी। लगभग 65% से 70% मरीज़ 50 वर्ष से ऊपर की थीं और केवल 30 से 35% महिलाएँ पचास वर्ष से कम उम्र की थीं।
डॉ. विजय जगड़ ने यह भी बताया कि स्तन सेल्फ-एग्जामिनेशन और मैमोग्राफी ब्रेस्ट कैंसर के मामलों को प्रारंभिक अवस्था में ही पता लगाने की सरल तकनीकें हैं। रेडिएशन ऑन्कोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. जोबनजीत कौर ने बताया कि हमारे देश में अधिकांश मामलों का निदान बहुत देर से होता है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 60% से अधिक महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का निदान तीसरे या चौथे स्टेज में होता है।
पार्क हॉस्पिटल्स के ग्रुप सीईओ नॉर्थ डॉ. आशीष चड्ढा ने कहा कि पार्क ग्रीसियन हॉस्पिटल, मोहाली ट्राइसिटी का पहला अस्पताल है जिसने व्यापक कैंसर देखभाल शुरू की है।