सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़, 14 मई, 2025: खरड़ के निकटवर्ती भागो माजरा गांव के जमींदार किसान गुरमिंदर सिंह खैरा पिछले नौ महीनों से बिल्डरों और भू-माफियाओं के बीच गठजोड़ का शिकार हैं। खैरा का आरोप है कि वह बिल्डरों द्वारा की गई करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, जिसके बाद उन्हें स्थानीय पुलिस से भी कोई सहयोग नहीं मिला है। खैरा ने अब चंडीगढ़ स्थित पंजाब पुलिस के डीजीपी कार्यालय का दरवाजा खटखटाया है और न्याय की मांग की है।
बुधवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में गुरमिंदर सिंह खैरा ने आरोप लगाया कि कुछ बिल्डरों व उनके सहयोगियों ने जानबूझ कर जमीन सौदों के नाम पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की है।
खैरा ने कहा कि उन्होंने अप्रैल 2023 में भागोमाजरा में करीब 18 कनाल जमीन एक बिल्डर को बेची थी और पूरा सौदा 4.3 करोड़ रुपये में हुआ था। उनके साथ विश्वास के आधार पर किए गए भूमि सौदों में उन्होंने कानूनी तौर पर केवल तीन कनाल भूमि ही रजिस्ट्री की तथा शेष भूमि का उसी दिन ब्याना कर दिया। 2 करोड़ 40 लाख के चेक दिए गए, जो सभी बाउंस हो गए। इसके बाद बिल्डर मनमोहन सिंह (डिसेंट सिटी, एमबीपी) ने 18 कनाल जमीन पर लोगों के प्लाट काटकर दूसरों को कब्जा देना शुरू कर दिया। गुरमिंदर द्वारा अदालत से स्टे मांगने के बावजूद बिल्डरों ने उन्हें परेशान करना जारी रखा।
अपनी शिकायत में उन्होंने बिल्डर मनमोहन सिंह और उसके साथियों हरप्रीत कौर, जरनैल सिंह, अमित कुमार, नकीता शर्मा, परवेश कुमार व अन्य पर फर्जी सीएलयू दस्तावेजों, झूठे वादों और फर्जी कागजी कार्रवाई के जरिए धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।
इसके साथ ही खैरा ने एक अन्य बिल्डर गुरफतेह पर खैरा की जमीन पर सीवेज प्लांट लगा कब्जा करने का आरोप लगाया था।खैरा ने मांग की है कि पुलिस और उच्च अधिकारी मामले की गहनता से जांच करें और उन्हें न्याय दिलाएं।