सिटीन्यूज़ नॉउ
अमृतसर / भारतीय प्रबंधन संस्थान अमृतसर ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक मामलों पर एक प्रभावशाली अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया, जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल अजय चांदपुरिया, एवीएसएम, वीएसएम मुख्य वक्ता रहे। “भारत का युद्ध: ऑपरेशन सिंदूर पर एक केस स्टडी” शीर्षक वाले इस सत्र ने छात्रों और अकादमिक समुदाय को समकालीन युद्ध, भू-राजनीतिक वास्तविकताओं और भारत की उभरती रक्षा रणनीति के बारे में गहन जानकारी प्रदान की।
लेफ्टिनेंट जनरल चांदपुरिया के साथ भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की एक प्रतिष्ठित टीम मौजूद थी; जिनमें कर्नल आलोक बिष्ट, अंकुर मिश्रा, जतिंदर जसरोटिया, मेजर इशप्रीत सिंह और कैप्टन शिवम राय शामिल थे। इस सत्र में भारतीय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो० समीर के० श्रीवास्तव जी के साथ-साथ डीन अकादमिक प्रो० सुजित आर० जगदाले जी, डीन प्रशासन प्रो० अरुण कौशिक जी, अन्य संकाय, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।
सत्र के दौरान, जनरल ने 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर को एक व्यापक रणनीतिक और ऐतिहासिक ढाँचे के भीतर प्रस्तुत किया। धार्मिक पहचान के आधार पर नागरिकों को निशाना बनाकर किया गया यह हमला भारत के आतंकवाद-रोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। व्याख्यान में आधुनिक संघर्ष के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की गई—जिसमें साइबर युद्ध, तकनीकी स्वायत्तता, सूचना प्रणालियाँ और भू-राजनीतिक अंतरनिर्भरताएँ शामिल हैं।
एक केस स्टडी के रूप में, लेफ्टिनेंट जनरल अजय चांदपुरिया जी ने ऑपरेशन सिंदूर की खुफिया जानकारी, रक्षा अभियानों और नीति के बीच रणनीतिक तालमेल की ओर भारत के बदलाव का उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसने निर्णायक और जिम्मेदार सैन्य आचरण के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
सत्र का समापन एक रोचक प्रश्नोत्तर संवाद के साथ हुआ, जिसके बाद एक औपचारिक सम्मान समारोह हुआ जिसमें निदेशक प्रो० समीर के० श्रीवास्तव जी ने गणमान्य अतिथि को सम्मान चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम का औपचारिक समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ