Tuesday, August 5, 2025
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मलोया पुलिस द्वारा झगडे व मारपीट के मामले में पीड़ित महिला व आरोपी पक्ष को शाम के समय थाने बुलाने पर विवाद

सिटीन्यूज़ नॉउ

चण्डीगढ़ : स्मॉल फ्लैट्स, मलोया में गत रोज सरोज यादव, पत्नी प्रेम यादव तथा एक अन्य महिला भारती यादव के साथ कथित तौर पर रामा यादव एवं गुरुदेव यादव की पत्नी तथा अन्य व्यक्तियों ने पुलिस स्टेशन, मलोया के बाहर सार्वजनिक स्थल पर एवं पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में बिना किसी कारण के झगड़ा, गालीगलौच व मारपीट की जिसमें पीड़ित महिलाओं को काफी चोटें पहुंची।

इस पर पीड़ित पक्ष ने अन्य महिलाओं के साथ पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने उनका मेडिकल परीक्षण सरकारी अस्पताल, सेक्टर 16 में करवाया। आज सरोज यादव को संबंधित पुलिस स्टेशन में शाम 5 बजे 5-10 लोगों के साथ बुलाया गया।

शिकायतकर्ताओं को पता चला कि थाना पुलिस ने आरोपी पक्ष को भी उसी समय मामले के निपटारे हेतु बुलाया हुआ है। इस पर पीड़ित पक्ष ने चण्डीगढ़ पुलिस के डीजीपी, एसएसपी व डीएसपी (साउथ) के साथ साथ मलोया पुलिस थाना प्रभारी को रजिस्टर्ड पत्र प्रेषित करके पूरे मामले की जानकारी देते हुए लिखा है कि स्थानीय पुलिस द्वारा पीड़ित की शिकायत दर्ज करके मेडिकल परीक्षण भी हो चुका है। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि शाम के समय, जो कानूनी रूप से अनुमति योग्य नहीं है, महिला आवेदक एवं अन्य महिलाओं को पुलिस स्टेशन बुलाने का एकमात्र उद्देश्य उन्हें प्रताड़ित करना तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 170 का दुरुपयोग करके उन्हें हिरासत में लेना है।

पीड़ित महिला ने पुलिस अधिकारियों से बीएनएस, 2023 की धारा 35 एवं 179 के तहत लिखित समन के माध्यम से बुलाने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए मांग की है कि संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें कि वे आवेदक एवं उनके परिजनों को किसी भी जाँच हेतु लिखित समन के माध्यम से ही पुलिस स्टेशन बुलाएँ तथा विपक्षी पक्ष को अलग-अलग तिथियों एवं समय पर बुलाएँ ताकि किसी भी टकराव की स्थिति से बचा जाए।

उधर वरिष्ठ एडवोकेट सतिंदर सिंह ने भी पीड़ित पक्ष की शिकायत को जायज ठहराते हुए बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 179 पुलिस को समन जारी करने का अधिकार देती है, साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति काल्पनिक शिकायत का लाभ न उठाए तथा बिना लिखित समन के पुलिस स्टेशन न बुलाया जाए। यह भी प्रावधान है कि किसी महिला का पुलिस स्टेशन पर पूछताछ न हो, बल्कि उसके निवास स्थान पर ही की जाए।

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