लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट एक व्यवहार्य और जीवन रक्षक प्रक्रिया
सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़ / मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल मोहाली के डॉक्टरों ने तीन वर्षों से अधिक समय से क्रोनिक लिवर रोग से पीडि़त युवक पर लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक ईलाज करके अमलोह निवासी को नया जीवन प्रदान किया है।
ज्ञात रहे कि लिवर ट्रांसप्लांट कंसल्टेंट-एचपीबी सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट डॉ. कप्तान सिंह, डायरेक्टर-जीआई, एचपीबी और लिवर ट्रांसप्लांट डॉ. मनमोहन सिंह बेदी, प्रिंसिपल डायरेक्टर-गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डॉ. अतुल सचदेव और उनकी टीम ने अहम भूमिका अदा की।
38 वर्षीय बलजीत सिंह को 2022 में उल्टी में खून, कमजोरी और चक्कर आने की समस्या हुई थी। धीरे-धीरे उनकी हालज बिगड़ती गई। 2025 में लिवर खराब होने की वजह से ही ट्रांसप्लांट एकमात्र उपचार था।
सिटीन्यूज़ नॉउ से जानकारी सांझा करते हुए ट्रांसप्लांट के बारे में बात करते हुए डॉ. कप्तान सिंह ने बताया हालांकि उनकी बहन अपना लिवर दान करना चाहती थी लेकिन ब्लड ग्रुप नही मिल सका। अतंत उनकी पत्नी ने लिवर दान किया। सभी आवश्यक परीक्षणों के बाद ट्रांसप्लांट करके रोगी को बीमारी से निजात दिलाया जा सका। उन्होने कहा कि अंतिम चरणों के लिवर रोगियों में लिविंग डोनर लिवर ट्रांसप्लांट एक व्यवहार्य और जीवन रक्षक प्रक्रिया है।
रोगी का रोगग्रस्त लिवर निकाल दिया गया, और लगभग 62-65 प्रतिशत लिवर ट्रांसप्लांट के लिए ले लिया गया। अब डोनर के पास लगभग 35 प्रतिशत लिवर है जो 6-8 हफ्तों में पूरी तरह से पुनर्जीवित हो जाएगा। रोगी और डोनर दोनों स्वस्थ हैं।