Wednesday, August 6, 2025
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वक्फ संशोधन अधिनियम तुष्टिकरण की राजनीति का अंत करके मुस्लिम समुदाय को वास्तविक विकास की ओर ले जाएगा : मुफ्ती शमून कासमी

सिटीन्यूज़ नॉउ

चण्डीगढ़ : मुस्लिम विद्वान नेता मुफ्ती शमून कासमी ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 का जोरदार समर्थन करते हुए इस अधिनियम को मुस्लिम समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया और कांग्रेस पार्टी तथा कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा इसके विरुद्ध किए जा रहे विरोध की कड़ी आलोचना की।

मुफ्ती शमून कासमी, जो उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष हैं, ने आज यहां चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, जिससे इन संपत्तियों का उपयोग मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए किया जा सकेगा। यह अधिनियम न केवल वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार को रोकेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समुदाय के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग की जाएं।

उन्होंने अधिनियम के प्रमुख लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे वक्फ बोर्ड में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी, वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण होगा, जिससे उनका प्रबंधन सुव्यवस्थित होगा, संपत्तियों की सुरक्षा में वृद्धि होगी और अवैध कब्जों से मुक्ति मिलेगी, वक्फ बोर्ड में महिलाओं और विद्वानों की उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा तथा वक्फ संपत्तियों से होने वाली आय का उपयोग मुस्लिम समुदाय के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए किया जाएगा।

उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठनों को भी चुनौती देते हुए कहा कि जो लोग आज वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे हैं, वे वास्तव में मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा नहीं कर रहे हैं, बल्कि कांग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। ये संगठन लोगों को गुमराह कर रहे हैं और मुसलमानों को केवल वोट बैंक बनाने में कांग्रेस की मदद कर रहे हैं। उन्होंने इन संगठनों से सवाल किया कि पिछले 70 वर्षों में उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए क्या किया है.

मुफ्ती कासमी ने मुस्लिम समुदाय से वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करने और भ्रामक प्रचार से प्रभावित न होने का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस अधिनियम के तहत किसी भी वक्फ संपत्ति को मुस्लिम समुदाय से नहीं लिया जाएगा, न ही किसी मस्जिद को प्रभावित किया जाएगा और न ही किसी कब्रिस्तान को सरकार अपने अधिकार में लेगी। मुस्लिम संगठन इन मुद्दों पर अफवाहें फैला रहे हैं।

मुफ्ती कासमी ने उन्होंने कुछ मुस्लिम संगठनों पर भी आरोप लगाया कि वे मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं और झूठी जानकारी फैलाकर विरोध प्रदर्शनों के लिए उकसा रहे हैं। ये संगठन मुस्लिम समाज में भ्रम फैला रहे हैं और अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्होंने कहा।मुफ्ती कासमी ने अपनी बात समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और गृह मंत्री अमित शाह का इस ऐतिहासिक कदम के लिए विशेष आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार का यह कदम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत पर आधारित है, और यह मुस्लिम समुदाय को मुख्यधारा में लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस अवसर पर हाजी शकील, अब्दुल रईस सहित और अन्य बुद्धिजीवी मुस्लिम लोग भी उपस्थित थे।

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