Tuesday, March 18, 2025
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वर्ष 2026 तक औषधीय पौधों का बाज़ार 14 बिलियन रुपये होने की उम्मीद

चंडीगढ़। औषधीय पौधों के क्षेत्र में उद्योग अंतर्दृष्टि, बाजार अवलोकन और अवसरों पर चर्चा करने हेतू मंगलवार को दो दिवसीय “क्षेत्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक” आयोजन का आगाज हुआ , इस मीट का आयोजन आरसीएफसी एनआर-1, एनएमपीबी, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया।

मुख्य अतिथि नित्यानंदम श्री (आनंदम आयुर्वेद) ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया। अपने संबोधन में उन्होने औषधीय पौधों के क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं और चुनौतियों पर विचार प्रस्तुत किए।

प्रथम सत्र में डॉ. अरुण चंदन (क्षेत्रीय निदेशक, आरसीएफसी एनआर-1) ने औषधीय पौधों के क्षेत्र में प्रमुख चुनौतियों, अवसरों और आपूर्ति श्रृंखला पर प्रकाश डाला। जबकि डॉ. जितेंद्र सोढ़ी (सीएमडी, आयुष हर्ब्स) और डॉ. जेपी सिंह (श्री धन्वंतरि हर्बल्स) ने भी अपने विचार साझा किए।

अगले सत्र में नित्यानंदम श्री (आनंदम आयुर्वेद) ने औषधीय उद्योग में विपणन रणनीतियों और बाजार पहुंच पर विस्तार से चर्चा की। ततपश्चात महेश किलनोट (त्रिंबकेश्वर ब्रज किशन प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड) ने औषधीय पौधों की खेती के अपने अनुभव साझा किए। साथ ही, उद्योग प्रतिनिधियों ने गुणवत्ता युक्त औषधीय पौधों के स्रोत और खरीद प्रक्रिया पर चर्चा की। पहले दिन के कार्यक्रम के अंतिम सत्र में क्रेता और विक्रेता के बीच एक संवाद सत्र का आयोजन किया गया।

आयोजकों ने सिटीन्यूज़ नॉउ को बताया कि बैठक औषधीय पौधों के क्षेत्र में नए व्यापारिक संबंधों और अवसरों को प्रोत्साहित करने में मील का पत्थर साबित हुई। इस कार्यक्रम ने किसानों, उद्योगपतियों और विपणन विशेषज्ञों को एक साझा मंच प्रदान किया, जिससे औषधीय पौधों के व्यापार और गुणवत्ता में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें। विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञों और उद्यमियों ने औषधीय पौधों के उत्पादन और विपणन को बढ़ावा देने के लिए आपसी सहयोग की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

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