सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़। निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुलभूषण शर्मा ने हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा पोर्टल पर सीटें न दर्शाने के मामले में निजी स्कूलों पर लगाए गए जुर्माने पर गहरी आपत्ति दर्ज करवाई है। श्री शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत:जिन स्कूलों की फीस ₹1,000 से कम है, उन पर ₹30,000 का जुर्माना लगाया गया है। जिनकी फीस ₹1,000 से ₹3,000 के बीच है, उन पर ₹70,000 का जुर्माना लगाया गया है। वहीं जिन स्कूलों की फीस इससे ऊपर है, उन्हें केवल नोटिस जारी किया गया है।
शर्मा ने सरकार से सवाल किया कि जब स्कूलों से EWS श्रेणी के विद्यार्थियों को पढ़ाने की अपेक्षा की जाती है और स्कूल यह जिम्मेदारी निभा भी रहे हैं, तो वर्षों से उनकी क्षतिपूर्ति राशि क्यों लंबित है ।
उन्होंने आगे सुझाव दिया कि जिन अधिकारियों की लापरवाही से स्कूलों की क्षतिपूर्ति लंबित रहती है, उन पर कम से कम ₹5,00,000 के दंड का प्रावधान होना चाहिए। तभी स्कूलों और सरकार के बीच अविश्वास और द्वेष का वातावरण समाप्त होगा।
यदि सरकार चाहती है कि शिक्षा व्यवस्था पारदर्शी और सुदृढ़ बने, तो उसकी नीति और नीयत दोनों स्पष्ट होनी चाहिए। सरकार को ईमानदारी से सुनिश्चित करना चाहिए कि स्कूलों को समय पर क्षतिपूर्ति मिले ताकि वे और अधिक उत्साह से वंचित बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करा सकें।