स्वदेशी बैंकिंग के जनक, सर सोराबजी पोचखानवाला को विनम्र श्रद्धांजलि
सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़ / सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया आज गर्वपूर्वक अपने संस्थापक, महान दूरदर्शी सर सोराबजी पोचखानवाला की 144वीं जयंती मना रहा है — जिन्होंने 1911 में भारत का पहला स्वदेशी बैंक स्थापित कर देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता की नींव रखी। यह बैंक भारतीयों द्वारा स्वामित्व और प्रबंधन वाला पहला ऐसा संस्थान था, जिसने राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई।
बैंक की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ जो बनीं भारतीय बैंकिंग की नींव:1921 – होम सेविंग सेफ योजना की शुरुआत: घरों में बचत की संस्कृति को प्रोत्साहन1924 – भारत का पहला लेडीज़ डिपार्टमेंट आरंभ: महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण की पहल1980 – देश का पहला क्रेडिट कार्ड जारी वर्तमान में, बैंक डिजिटल और समावेशी बैंकिंग के क्षेत्र में अग्रणी बना हुआ है।
इस अवसर पर श्री अरविन्द कुमार, अंचल प्रमुख (चंडीगढ़ अंचल) ने कहा:“संस्थापक दिवस पर हम सर पोचखानवाला के आदर्शों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का संकल्प दोहराते हैं। उनकी दूरदृष्टि आज भी हमारी सेवाओं और कार्य संस्कृति का मूल आधार है। देश में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की 4545 शाखाएं एवं 4085 ए टी म तथा 12260 बी सी पॉइंट्स कार्यरत है.