सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़ । सेक्टर 46 स्थित श्री धनवंतरी कॉलेज एवं अस्पताल में एक विशेष स्वर्णप्राशन शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें जन्मजात से 16 वर्ष की आयु के दो सौ बच्चों को पारंपरिक आयुर्वेदिक एम्युनाइजेशन दिया गया। अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सकों की देखरेख में आयोजित इस शिविर का उद्देश्य बच्चों में प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देना और उनके शारीरिक विकास में मदद करना था। बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ,विनोद बरवाल और उनकी टीम ने शिविर का संचालन किया।
स्वर्णप्राशन एक प्राचीन आयुर्वेदिक अनुष्ठान है, जो पारंपरिक रूप से पुष्य नक्षत्र पर किया जाता है। इसमें चुनिंदा जड़ी-बूटियों, घी और शहद के साथ शुद्ध सोने (स्वर्ण भस्म) से बने एक अनूठे फॉर्मूलेशन के साथ बच्चों को बूंदों के रूप में दिया जाता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, याददाश्त, ध्यान और बुद्धिमत्ता में सुधार करने में मदद करता है। बच्चों के साथ आये अभिभावकों को स्वर्णप्राशन के स्वास्थ्य लाभों के बारे में शिक्षित किया गया।
इस अवसर पर मौजूद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुमित श्रीवास्तव और सोसायटी के महासचिव डा, नरेश मित्तल ने आयुर्वेदिक प्रथाओं को पुनर्जीवित करने के महत्व पर बल दिया और निवारक स्वास्थ्य देखभाल के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता व्यक्त की।