20 सितम्बर को दोपहर 2:26 पर लहराया तिरंगा– किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति जिले की सीमा पर स्थित है मानीरंग चोटी
सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़/ हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश की गोद में स्थित और राज्य की आठवीं सबसे ऊँची मानी जाने वाली मानीरंग चोटी (6,593 मीटर / 21,630 फीट) को चार पर्वतारोहियों की टीम ने सफलतापूर्वक फतह किया। यह उपलब्धि 20 सितम्बर को दोपहर 2 बजकर 26 मिनट पर दर्ज हुई, जब टीम ने शिखर पर तिरंगा लहराया।इस अभियान का नेतृत्व चंडीगढ़ से पेशेवर पर्वतारोही और आउटडोर एजुकेटर विशाल ठाकुर ने किया। उनके साथ दल में अमन चौहान, बृज मोहन केवला और तेजा सिंह शामिल रहे।
हालांकि हार न मानते हुए उन्होंने सितंबर में एक नई टीम का गठन किया और दोबारा अभियान शुरू किया। इसी दुस्साहस और दृढ़ संकल्प ने उन्हें इस बार सफलता दिलाई और तिरंगा शिखर पर लहराया। चंडीगढ़ के विशाल ठाकुर हिमालय की ऊँचाइयों से अनजान नहीं हैं। इनमें उत्तराखंड स्थित ब्लैक पीक (काला नाग), कालिंदी खाल एक्सपीडिशन, मनाली की फ्रेंडशिप पीक, पिन पार्वती पास और लाहौल- स्पीति क्षेत्र की युनम पीक, कनामो पीक व अन्य कई ट्रैक्स और पास का सफल अभियान कर चुके है ।
विशाल ठाकुर का अगला लक्ष्य हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटी रियो पूर्गिल है। मानीरंग चोटी की चढ़ाई को पर्वतारोहण जगत में अत्यंत कठिन और जोखिम भरा माना जाता है। अगस्त में मौसम ने हमें रोका, लेकिन सितंबर में हमने ठान लिया कि अब पीछे नहीं हटेंगे।
बिना किसी बाहरी मदद के अल्पाइन स्टाइल में इसे फतह करना मेरे और मेरी टीम के लिए गर्व का क्षण है, इसके लिए हम Mountain Gods के शुक्रगुजार हैं।”इस अभियान को शुरू करने से पहले टीम ने इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (IMF) से अधिकृत अनुमति, एडवेंचर इंश्योरेंस, व अन्य परमिट लिए।
विशाल ठाकुर और उनकी टीम की इस सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यदि जुनून और साहस साथ हों, तो हिमालय की सबसे ऊँची और कठिन चोटियाँ भी झुक जाती हैं। यह उपलब्धि भारतीय पर्वतारोहण इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ने के साथ-साथ युवाओं को कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है।