चंडीगढ़:- बूटी से कमाएं रोटी किसान – डॉ. अरुण चंदनदेश-विदेश में औषधीय पौधों की मांग में हो रहा इजाफ़ा , किसानों द्वारा पौधे , प्रोडक्ट्स की प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र दो दिवसीय मीट में एक्सपर्ट्स की चर्चा का निष्कर्ष कुछ ऐसा रहा :: आज के दौर में परम्परागत फसलों की खेती से हटकर औषधीय पौधों की खेती एक लाभकारी विकल्प बनकर उभर रही है। देश और विदेश में औषधीय पौधों की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर कोविड के पश्चात।
इन पौधों के लिए सरकार द्वारा भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ लेकर किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो सकते हैं। इस रीजनल मीट में किसान भाइयों में से गोविन्द ,महेश किलनोत ,अरुण बिष्ट ,प्रेम ,कृपाल के प्रश्नों के जवाब हर्ब एक्सपर्ट आशीष सिंगला ने दिए :डॉ. अरुण चंदन का सुझावडॉ. अरुण चंदन का कहना है कि औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें नवीनतम तकनीकों से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। हॉलिस्टिक हिमालय के सीईओ मोहम्मद रियाज ने अपने संस्थान के मिशन के बारे में बताया वह चक्र हीलिंग व गट ब्रेन एक्सिस पर विस्तार पूर्वक चर्चा की।शिवकुमार मौर्य ने किसानों की ओर से हर संभव प्रयास करने की बात की इसी बीच हिमालय में पाए जाने वाले बरस के फूलों को किस तरह अच्छे स्तर पर पर्यावरण का हनी किए बिना एकत्र करने की विधि भी बताई।
उन्होंने जड़ी बूटियां के एक्सपोर्ट की संभावनाओं पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा कीसत्र के अंत में साहिल सोढ़ी ने अपने ऑनलाइन पोर्टल जड़ी बूटी बाजार के बारे में बताया जिसमें करता व विक्रेता एक ही प्लेटफार्म पर जुड़ सकते हैं वह ऑनलाइन अपने रॉ मैटेरियल औषधीय पौधों को बेच सकते हैं