सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़ 23 अप्रैल 2025: सुप्रीम कोर्ट द्वारा “जग्गो बनाम भारत सरकार (2024)” मामले में दिया गया ऐतिहासिक निर्णय कॉन्ट्रैक्चुअल और आउटसोर्सिंग के अंतर्गत वर्षों से सेवा दे रहे लाखों कर्मचारियों के लिए न्याय की एक नई किरण लेकर आया है।
ऑल कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी संघ भारत (पंजीकृत), यू.टी., चंडीगढ़ ने इस फैसले का स्वागत करती है।यह बात ऑल कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी संघ भारत (पंजीकृत), यू.टी., चंडीगढ़ की एडवाइजरी कमेटी एक बैठक के दौरान कही।
बैठक में चेयरमैन बिपिन शेर सिंह ने कहा कि यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के उमा देवी बनाम स्टेट आफ कर्नाटक (2006) के निर्देश की एकमुश्त तयशुदा सीमा के कारण नौकरी की सुरक्षा से वंचित उन कांट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए न सिर्फ एक कानूनी उपलब्धि है, बल्कि उन सभी कर्मचारियों के लिए नैतिक और सामाजिक समर्थन भी है जो दशकों से स्थायी कर्मचारियों के बराबर कार्य कर रहे हैं, लेकिन फिर भी उन्हें अधिकारों से वंचित रखा। उन्होंने सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन से मांग की है कि वह अब और देर न करते हुए नियमितीकरण व नौकरी की सुरक्षा की नीति को साथी राज्यों की तरह तुरंत लागू करे।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में हर विभाग में ऐसे कर्मचारी हैं जो 10 से 20-25 वर्षों से काम कर रहे हैं, फिर भी उन्हें ना नौकरी की सुरक्षा है, ना पेंशन, ना स्वास्थ्य सुविधाएं। अब और नहीं। हमें वो नीति चाहिए जो पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में लागू हो चुकी है।
यह फैसला न केवल कच्चे कर्मचारियों की जीत है, बल्कि हर उस कांट्रैक्ट कर्मचारी जैसे डाटा एंट्री ऑपरेटर, लैब असिस्टेंट, सिक्योरिटी गार्ड, माली और स्कूल शिक्षक, उच्च शिक्षा शिक्षक की जीत है जिसने हमेशा सिस्टम का साथ दिया लेकिन बदले में सिर्फ वादा और ठोकरें पाईं.
आल कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी संघ भारत,रजि੦ , यूटी चंडीगढ़ (जनहित क्रांति भारत, चंडीगढ़ ) कर्मचारी संघ भारत।चंडीगढ़ 23 अप्रैल 2025: सुप्रीम कोर्ट द्वारा “जग्गो बनाम भारत सरकार (2024)” मामले में दिया गया ऐतिहासिक निर्णय कॉन्ट्रैक्चुअल और आउटसोर्सिंग के अंतर्गत वर्षों से सेवा दे रहे लाखों कर्मचारियों के लिए न्याय की एक नई किरण लेकर आया है। ऑल कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी संघ भारत (पंजीकृत), यू.टी., चंडीगढ़ ने इस फैसले का स्वागत करती है।
हमें वो नीति चाहिए जो पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में लागू हो चुकी है।एडवाइजरी कमेटी के अन्य सदस्य श्री तरनदीप सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दीर्घकालिक सेवा को अनदेखा नहीं किया जा सकता। वर्षों से जो कर्मचारी सरकारी तंत्र की रीढ़ बने हुए हैं, उन्हें अब न्याय मिलना चाहिए, सिर्फ कोर्ट के आदेशों में नहीं, बल्कि ज़मीनी हकीकत में।एडवाइजरी कमेटी के सदस्य व एडवोकेट श्री भूपिंदर सिंह गिल ने कहा कि उमा देवी केस की गलत व्याख्या करके प्रशासन ने हजारों कर्मचारियों की उम्मीदों को कुचल दिया था।
अब जग्गो केस ने स्पष्ट किया है कि सरकार की यह नीति न केवल अन्यायपूर्ण थी बल्कि संवैधानिक मूल्यों के भी खिलाफ थी।संघ ने यह भी चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द कोई निर्णय नहीं लिया, तो चंडीगढ़ में व्यापक जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।यह फैसला न केवल कच्चे कर्मचारियों की जीत है, बल्कि हर उस कांट्रैक्ट कर्मचारी जैसे डाटा एंट्री ऑपरेटर, लैब असिस्टेंट, सिक्योरिटी गार्ड, माली और स्कूल शिक्षक, उच्च शिक्षा शिक्षक की जीत.
सुप्रीम कोर्ट के जग्गो के आदेशानुसार तत्काल प्रभाव से सभी विभागों में समीक्षा समिति बनाई जाएकॉन्ट्रैक्ट प्रथा को चरणबद्ध तरीके से समाप्त या सुरक्षित किया जाए।