Saturday, June 21, 2025
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चण्डीगढ़ यूनिवर्सिटी उन देशों के विश्ववि‌द्यालयों के साथ कोई सहयोग नहीं करेगा जो भारत की संप्रभुता को हानि पहुंचाते हैं : सतनाम सिंह संधू

सिटीन्यूज़ नॉउ

चण्डीगढ़ : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तुर्की द्वारा पकिस्तान को समर्थन देने के बाद राष्ट्र हित और राष्ट्र सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए भारत की नं 1 प्राइवेट यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़ यूनिवर्सिटी ने तुर्की और अज़रबैजान के साथ अपने सभी 23 शैक्षणिक एमओयू तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिए है। यह सभी एमओयू 5 वर्षों तक चलने वाले थे। जिसमें जनवरी 2025 में अंकारा यिल्डिरिम बेयाजित यूनिवर्सिटी के साथ किया एमओयू भी शामिल है।

इस निर्णय की घोषणा करते हुए, सांसद (राज्यसभा) और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा, “चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का दृष्टिकोण हमेशा राष्ट्र प्रथम की भावना से जुड़ा रहा है और उसी दृष्टिकोण के अनुरूप, हमने तुर्की और अज़रबैजान के साथ अपने सभी शैक्षिक संबंधों (एमओयू) को तत्काल समाप्त करने का निर्णय लिया है। जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है तो हमारे लिए देश से अधिक महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। जब बात भारत की अखंडता और संप्रभुता की आती है तो हम किसी भी चीज़ से समझौता नहीं करेंगे।

सतनाम संधू ने कहा, “जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आतंकवाद के अपराधियों और उनकी मदद करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी भी आतंकवाद और इसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ लड़ाई में पूरे देश के साथ खड़ी है। हम उन देशों के साथ संबंध जारी नहीं रखना चाहते जो हमारे निर्दोष नागरिकों और भारतीयसशस्त्र बलों के जवानों की क्षति के जिम्मेदार हैं। अब से, हम एक भी छात्र को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने और अध्ययन करने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने आगे कहा, “ऐसे समय में जब हमारे सशस्त्र बल राष्ट्र की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं, हम एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में चुप नहीं रह सकते।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने पाकिस्तान, जो आतंकवाद का एक जाना-माना प्रायोजक है का समर्थन करने वाले देशों के साथ सभी समझौतों को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख के अनुरूप, हर संस्थान को राष्ट्र के साथ खड़ा होना चाहिए। हम कभी भी किसी ऐसी संस्था से नहीं जुड़ेंगे जो भारत की संप्रभुता और एकता को कमजोर करती हो। भविष्य में भी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी तुर्की या अज़रबैजान के छात्रों को प्रवेश नहीं देगी।

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