सिटीन्यूज़ नॉउ
पटियाला/ गंभीर हार्ट वाल्व की बीमारियों के लिए नॉन-इनवेसिव तकनीक सबसे प्रभावी हैं और इसके बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। प्रभावित वाल्व वाले वृद्ध लोग अस्वस्थ जीवन जीने के लिए मजबूर होते हैं। हार्ट वाल्व की रिपेयर बिना सर्जरी के की जा सकती है और रोगी एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
पटियाला के पंजाब रत्न अवार्ड से सम्मानित सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट व मेदांता अस्पताल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के चेयरमैन डॉ.रजनीश कपूर ने यहां रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि माइट्राक्लिप एक नॉन-इनवेसिव डिवाइस है जिसका उपयोग मिट्रल वाल्व रिगर्जिटेशन का इलाज करने के लिए किया जाता है।
मिट्रल वाल्व रिगर्जिटेशन ऐसी स्थिति है जहां हार्ट का मिट्रल वाल्व कसकर बंद नहीं होता, जिससे रक्त हार्ट में पीछे की ओर बहने लगता था और जिंदगी जीने में बहुत कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। साँस फूलने और थकान के कारण कुछ भी करने में असमर्थ थे । वह दूसरी सर्जरी भी नहीं करवा सकते थे क्योंकि उन्हें पहले ही एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी करानी पड़ी थी और उनकी उम्र भी अधिक थी। माइट्राक्लिप के बाद अब वे बिल्कुल स्वस्थ हैं और अपनी सामान्य स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं।
ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर या टीएवीऑय) एक प्रक्रिया है जो कैथेटर के माध्यम से एओर्टिक वाल्व को रिप्लेसमेंट करने के लिए की जाती है, इसमें छाती को पूरी तरह से काटने की आवश्यकता नहीं होती और कई मरीज 3-4 दिनों में अपने सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं, डॉ. कपूर ने कहा।