प्रौद्योगिकी और नवाचार को दी प्राथमिकता
सिटीन्यूज़ नॉउ
नई दिल्ली: CII ने आज नई दिल्ली में एग्री इनपुट्स (AI) समिट 2025 का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कृषि इनपुट क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं, नीतिनिर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों ने भारतीय कृषि के भविष्य पर विचार-विमर्श किया। समिट का उद्घाटन करते हुए श्री अजय राणा, अध्यक्ष, सीआईआई उत्तरी क्षेत्रीय कृषि समिति एवं प्रबंध निदेशक, सवाना सीड्स प्रा. लि., ने उन्नत बीज प्रौद्योगिकी और निजी क्षेत्र की सशक्त भागीदारी के माध्यम से कृषि विकास को तीव्र गति से आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि यद्यपि भारत की लगभग 46 प्रतिशत कार्यबल कृषि में संलग्न है, फिर भी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कृषि का योगदान समावेशी आर्थिक वृद्धि के लिए और अधिक बढ़ाया जाना आवश्यक है। श्री राणा ने मक्का की हाइब्रिड किस्मों के अपनाने में 15–20 प्रतिशत से बढ़कर 90 प्रतिशत तक हुई उल्लेखनीय वृद्धि को प्रौद्योगिकी-आधारित उत्पादकता की सफलता का उदाहरण बताया।
अपने संबोधन में डॉ. आर. जी. अग्रवाल, चेयरमैन एमेरिटस, धनुका एग्रीटेक लिमिटेड, ने कृषि आधुनिकीकरण में उद्योग-नेतृत्व वाली पहल की आवश्यकता पर बल दिया। भारत की तुलना चीन से करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक दक्षिण (Global South) में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए तेजी से प्रौद्योगिकी अपनाने की जरूरत है। डॉ. अग्रवाल ने कृषि इनपुट रसायनों को पौधों की “दवाइयां” बताते हुए कहा कि भारत ने जहां खाद्य सुरक्षा की दिशा में बड़ी प्रगति की है, वहीं पोषण सुरक्षा अभी भी एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है।
प्रधानमंत्री की “बीज से बाजार तक” की दृष्टि का उल्लेख करते हुए उन्होंने चार “बी” — बीज (Seed), बीमा (Insurance), बैंक (Credit) और बाजार (Market) — पर केंद्रित नीति की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि बीज की गुणवत्ता प्रगति की नींव है, और आधुनिक तकनीक तक पहुंच हर किसान का अधिकार है।
इस समिट ने कृषि इनपुट क्षेत्र में रुझानों, उभरती प्रौद्योगिकियों और नवाचारों पर गहन विचार-विमर्श का मंच प्रदान किया, जो एक मजबूत, सतत और भविष्य के लिए तैयार कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के प्रति उद्योग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

