सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़ : मेहर चंद महाजन डीएवी महिला महाविद्यालय चंडीगढ़ के फॉरेन स्टूडेंट्स सेल ने गवर्नमेंट कॉलेज, चंबा के सहयोग से तथा आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) के तत्वावधान में ‘चेजिंग जेंडर रियलिटीज़ : ए रिफ़्लेक्शन ऑन एवरीडे लाइफ’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।
इस कार्यशाला में सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से डॉ. रीना चौधरी बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुईं। डॉ. चौधरी ने जेंडर आधारित व्यवसायों, वेतन असमानताओं और नेतृत्व, राजनीति तथा एसटीईएम (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित) क्षेत्रों में महिलाओं की सीमित प्रतिनिधित्व जैसी स्थायी असमानताओं पर प्रकाश डाला।
डॉ. चौधरी ने मलाला यूसुफजई, किरण बेदी, कमला हैरिस, इंदिरा गांधी, अवनी चतुर्वेदी और सानिया मिर्ज़ा जैसी प्रेरणादायी महिला नेताओं के उदाहरण देकर यह सिद्ध किया कि कैसे इन महिलाओं ने सामाजिक भूमिकाओं को नए अर्थ दिए हैं और परिवर्तन की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए हैं। कार्यशाला का समापन एक संवादात्मक सत्र के साथ हुआ जिसमें छात्राओं ने अपने अनुभव और विचार साझा किए।
कार्यवाहक प्राचार्या श्रीमती नीना शर्मा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ विद्यार्थियों में संवेदनशीलता और समझ विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जेंडर समानता केवल एक सामाजिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक मानवीय मूल्य है, और ऐसे संवाद विद्यार्थियों को पूर्वाग्रहों पर प्रश्न उठाने तथा एक समानतापूर्ण समाज के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

