उद्योगों में समावेशिता, सुरक्षा और उत्पादकता को बढ़ावा देगा श्रम संहिता सुधार
एकीकृत श्रम संहिता भारत की 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था की यात्रा को देगी गति
सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़: सीआईआई उत्तरी क्षेत्र ने भारत की चार एकीकृत श्रम संहिताओं के हालिया कार्यान्वयन का स्वागत किया है—यह एक प्रमुख संरचनात्मक सुधार है जिसने 29 अलग-अलग कानूनों को एक सरल और आधुनिक ढाँचे में समाहित कर दिया है। सामूहिक रूप से ये सुधार भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालने और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की भारत की यात्रा में गति लाने के लिए तैयार हैं।
सीआईआई उत्तरी क्षेत्र की चेयरपर्सन और आनन्द ग्रुप इंडिया की एग्ज़िक्यूटिव चेयरपर्सन, सुश्री अंजलि सिंह ने कहा कि नई श्रम संहिताएँ भारत की कार्य संस्कृति में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का संकेत देती हैं। अनुपालन को सरल बनाकर और अधिक उद्यमों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाकर, ये संहिताएँ श्रमिक कल्याण और भारत की आर्थिक प्रतिस्पर्धात्मकता दोनों को मजबूत करती हैं। यह 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के भारत के लक्ष्य की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है।
सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के डिप्टी चेयरपर्सन और सैमटेल एवियोनिक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ, श्री पुनीत कौरा ने वर्तमान परिदृश्य में इन सुधारों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा,“श्रम कानूनों के सरलीकरण से वैश्विक निवेशकों को एक मजबूत संदेश जाता है कि भारत एक स्थिर, पारदर्शी और व्यवसाय-अनुकूल वातावरण के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीआईआई उत्तरी क्षेत्र की आरएचआर एवं आईआर क्षेत्रीय समिति के चेयरमैन और जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड के सीएचआरओ, श्री सुशील बवेजा ने इन सुधारों में समावेशिता पर जोर दिया।उन्होंने कहा, “ये बदलाव लंबे समय से प्रतीक्षित स्पष्टता और संरचना लाते हैं, जिससे अधिक उद्यम औपचारिक क्षेत्र में स्थानांतरित हो सकेंगे।
स्वस्थ कार्यस्थलों और अधिक सुरक्षित रोजगार संरचनाओं को बढ़ावा देकर, संहिताएँ दीर्घकालिक उत्पादकता और कार्यबल सशक्तिकरण का समर्थन करती हैं। भारत जब अपनी विजन 2047 की ओर बढ़ रहा है, तब यह अपेक्षा है कि ये सरल और प्रगतिशील श्रम संहिताएँ एक सक्षम, लचीले और भविष्य-तैयार कार्यबल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।

