सिटीन्यूज़ नॉउ
पंचकूला : वर्ल्ड मूवमेंट डिसऑर्डर्स डे के अवसर पर पारस हेल्थ पंचकूला ने 72 वर्षीय पार्किंसंस रोगी पर सफल डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) प्रक्रिया कर उन्हें कंपकंपी और चलने-फिरने में हो रही एक दशक पुरानी परेशानी से राहत दिलाई है। खास बात यह रही कि मरीज़ पूरी प्रक्रिया के दौरान जागृत रहे और भक्ति संगीत सुनते रहे, जिससे सर्जनों को वास्तविक समय में उनकी गतिविधियाँ समझने में मदद मिली।
श्री सिंह पिछले 12 वर्षों से पार्किंसंस से जूझ रहे थे। शुरू में दवाओं से आराम मिलता रहा, लेकिन समय के साथ लेवोडोपा व अन्य दवाओं का असर कम हो गया और उन्हें दिन में 5-7 गोलियां लेनी पड़ती थीं, वह भी सीमित राहत के लिए। लगातार कंपकंपी, चलने में कठिनाई और दवा पर निर्भरता बढ़ने लगी।
पारस हेल्थ पंचकूला की निदेशक पार्किंसंस एवं मूवमेंट डिसऑर्डर्स, न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. जसलोवलीन कौर ने जांच के दौरान पाया कि इस अवस्था में केवल दवा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने बताया कि जब दवाओं का असर कम होने लगे, तब पार्किंसंस रोगी वर्षों तक संघर्ष करते रहते हैं। करीब चार घंटे चली इस जागृत अवस्था वाली सर्जरी में 14 विशेषज्ञों की टीम शामिल रही। Ccxसर्जरी के कुछ ही दिनों में मरीज़ घर भेज दिए गए।
पारस हेल्थ पंचकूला के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि यह सफलता हमारे समन्वित उपचार मॉडल और उन्नत तकनीक का प्रमाण है। मरीज़ श्री सिंह ने कहा कि सर्जरी ने उन्हें “नई उम्मीद और आज़ादी” दी है।

