सिटीन्यूज़ नॉउ/सहगल सुशील/सिंह परमदीप
चंडीगढ़, 24 फरवरी 2025: सेक्टर 23 डी स्थित श्री महावीर मंदिर मुनि सभा (साधु आश्रम) में 56वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस पर कथा व्यास आचार्य श्री हरिजी महाराज ने श्रद्धालुओं को आनंदमय कथाओं का श्रवण करवाया। उन्होंने बताया कि भगवान की भक्ति प्राप्त करने के लिए कथा सुनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कथा के दौरान, पूज्य श्री हरिजी महाराज ने मुनि कर्दम और देवहूति के संवाद का उदाहरण देकर यह समझाया कि कपिल मुनि जी ने अपनी माता को ब्रह्म विद्या का ज्ञान दिया और जन्म-मरण के बंधनों से मुक्ति प्राप्त करने का मार्ग बताया।
कथा व्यास ने बताया कि कपिल देव मुनि जी ने अपनी माता से कहा कि यह मन ही बंधन और मोक्ष का कारण है। यदि मन भोग-विलास में लगे तो वह बंधन में बांधता है, और यदि वह प्रभु की भक्ति में रमता है तो वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।
भगवान की कथाएँ केवल मनोरंजन के लिए नहीं होतीं, बल्कि ये मनोमंजन के लिए होती हैं।कथा के इस दिव्य उपदेश से श्रद्धालु गहरे भाव में समाहित हो गए।
इस अवसर पर आयोजकों द्वारा व्यास पूजन विधि विधान के साथ किया गया। कथा व्यास ने भगवान के सुंदर भजन भी प्रस्तुत किए, जिन्हें सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथा के उपरांत श्रीमद्भागवत भगवान की सामूहिक आरती का आयोजन किया गया, जिससे वातावरण भक्ति भाव से सराबोर हो गया।