सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़ / यू.टी. चंडीगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित मान्यता रहित स्कूलों की समस्याओं और मान्यता की मांग को लेकर आज डॉ. भीमराव अंबेडकर भवन, सेक्टर 37-ए में सरवहारा एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन (एसईडब्ल्यूए) द्वारा एक खुली जनरल बॉडी बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य 94 स्कूलों के लिए मान्यता की मांग संबंधी ज्ञापन पारित करना था, जो दशकों से गरीब और श्रमिक वर्ग के बच्चों को मामूली शुल्क पर शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
इस बैठक के दौरान सबसे पहले सभी सदस्यों ने हिसार में दो नाबालिग छात्रों द्वारा स्कूल प्रिंसिपल के कत्ल की घटना पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इनमें से अधिकांश स्कूल 25 वर्ष या उससे अधिक समय से चल रहे हैं, जिनकी स्थापना नगर निगम के निर्माण उपविधियों से पहले की गई थी।
इन स्कूलों ने आरटीई एक्ट, 2009 और नियम 2010 के तहत निरीक्षण भी पूरा किया, फिर भी उन्हें मान्यता नहीं दी गई। वर्ष 2019 और 2024 में जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने इन स्कूलों के खिलाफ भवन और ज़ोनिंग नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए नगर निगम को कार्रवाई के लिए लिखा, जबकि स्कूलों का कहना है कि ये नियम उन पर पूर्वलाभी रूप से लागू नहीं किए जा सकते।
इस अवसर पर एसईडब्ल्यूए के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि दशकों से, हमारे स्कूल चंडीगढ़ के गांवों के सबसे गरीब परिवारों के बच्चों को बिना किसी सहायता, बिना किसी मान्यता और अक्सर खतरे के साथ शिक्षा दे रहे हैं। इस स्थिति को लेकर एसईडब्ल्यूए ने 12 जुलाई को एक और जनरल बॉडी बैठक आयोजित की और सभी स्कूलों के लिए स्पष्ट और समान मान्यता नीति की मांग को लेकर नया ज्ञापन तैयार किया, जो आने वाली बैठक में शिक्षा सचिव को सौंपा जाएगा।
बैठक में पूर्व मेयर अरुण सूद मुख्य अतिथि रहे, जिन्होंने स्कूलों को पूर्ण समर्थन देते हुए बताया कि उन्होंने माननीय राज्यपाल से इस विषय पर चर्चा की है। इस अवसर पर पार्षद सतिंदर सिंह सिद्धू और पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू ने भी स्कूलों को कानूनी सुरक्षा और मान्यता दिलाने के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।