Tuesday, August 5, 2025
Home Blog Page 7

विश्व हेपेटाइटिस दिवस जीवनशैली लिवर के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है: डॉ. राठौर

सिटीन्यूज़ नॉउ

मोहाली: हेपेटाइटिस के पाँच प्रकारों – ए, बी, सी, डी और ई – में से प्रत्येक के संचरण के तरीके और गंभीरता अलग-अलग होती है। विशेष रूप से क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी, अगर जल्दी निदान और उपचार न किया जाए, तो सिरोसिस और लिवर कैंसर का सबसे ज़्यादा खतरा पैदा करते हैं।

मैक्स अस्पताल , मोहाली में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रमुख सलाहकार डॉ. मुकेश के. राठौर ने बतया की हेपेटाइटिस बी और सी कई व्यक्तियों के लिवर को चुपचाप नुकसान पहुँचाते रहते हैं, अक्सर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के, जब तक कि बीमारी काफी बढ़ न जाए। इसके अलावा, शराब का सेवन और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग भारत में लिवर को नुकसान पहुँचाने वाले प्रमुख कारक बने हुए हैं।

टीकाकरण, समय पर चिकित्सा देखभाल और नियमित जाँच के महत्व पर ज़ोर देते हुए, डॉ. राठौर ने कहा, “टीकाकरण हेपेटाइटिस ए और बी के खिलाफ़ हमारी सबसे मज़बूत सुरक्षा है। अत्यधिक प्रभावी एंटीवायरल दवाओं की उपलब्धता के साथ, हेपेटाइटिस सी अब ज़्यादातर मामलों में इलाज योग्य है। समय पर पता लगाने और समय पर इलाज से लिवर फेलियर और कैंसर जैसी जटिलताओं को रोका जा सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि जीवनशैली लिवर के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संतुलित आहार अपनाना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और शराब व तंबाकू से परहेज़ करना लिवर संबंधी जटिलताओं को रोकने के लिए बेहद ज़रूरी है।

उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस और लिवर की बीमारियों के बारे में जल्दी पता लगाने, समय पर हस्तक्षेप करने और जागरूकता बढ़ाने से क्रोनिक लिवर की बीमारियों का बोझ काफ़ी कम हो सकता है।

12 वर्षीय तनिषी भारद्वाज ने रचा इतिहास

0

शास्त्रांग मार्शल आर्ट्स में सबसे कम उम्र में प्राप्त किया सेकंड डिग्री ब्लैक बेल्ट और डिग्री एग्जाम

सिटीन्यूज़ नॉउ

पंचकूला / पंचकूला के सेक्टर 16 स्थित शास्त्रांग मार्शल आर्ट्स अकादमी में आयोजित ब्लैक बेल्ट परीक्षा में 12 वर्षीय तनिषी भारद्वाज ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। वह सेकंड डिग्री ब्लैक बेल्ट हासिल कर अकादमी की अब तक की सबसे कम उम्र की छात्रा बनी।इस सप्ताहांत आयोजित परीक्षा में छात्रों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय डिग्री ब्लैक बेल्ट के लिए परखा गया।

परीक्षा का संचालन प्रागुरु बिक्रम एस. थापा द्वारा किया गया, जिन्होंने तकनीक, सहनशक्ति और व्यावहारिक कौशल के आधार पर छात्रों का कठोर परीक्षण लिया।तनिषी का प्रदर्शन तकनीकी सटीकता, आत्मविश्वास और दृढ़ता के लिए विशेष रूप से सराहा गया।

यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि अकादमी के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनी। परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों में कुनाल, अमायरा ग्रोवर , और अनन्या राणा प्रथम डिग्री ब्लैक बेल्ट, गर्व खोसला, सुष्मिता और तनिषी भारद्वाज द्वितीय डिग्री ब्लैक बेल्ट और नवनीत झा तृतीय डिग्री ब्लैक बेल्ट शामिल हैं।

ब्लैक बेल्ट्स का वितरण वी.एस. कुंडू (सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एवं एकल राजस्व आयोग के पूर्व अध्यक्ष) द्वारा किया गया। अपने संबोधन में श्री कुंडू ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि मार्शल आर्ट्स अनुशासन, आत्म-नियंत्रण और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम है।

इस आयोजन में छात्रों के परिजन, प्रशिक्षक और सहपाठी उपस्थित रहे। अकादमी ने सभी प्रतिभागियों की निरंतर मेहनत को सराहा और तनिषी की विशेष उपलब्धि को अकादमी के लिए गर्व का क्षण बताया।

चंडीगढ़ में तीज महोत्सव का महिलाओं और बच्चों ने मनाया पारंपरिक ढंग से मनाया : रिस्पेक्ट वुमेन प्रोटेक्ट वुमेन महासभा

0

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़ / पूर्व मेयर कमलेश बनारसी दास के नेतृत्व में तथा रिस्पेक्ट वुमेन प्रोटेक्ट वुमेन एवं अखिल भारतीय बैरवा महासभा पंजाब, चंडीगढ़ के अध्यक्ष बनारसी दास मीमरोट द्वारा भव्य तीज महोत्सव का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में महिलाओं और बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और पारंपरिक उत्सव को सांस्कृतिक रंगों से सराबोर कर दिया।महिलाओं ने पारंपरिक गीतों पर नृत्य किया, झूले झूले और मेंहदी रचाई। बच्चों के लिए विशेष डांस सेशन आयोजित किया गया जिसमें उन्होंने पूरे जोश और उत्साह के साथ प्रस्तुति दी। आयोजन का मुख्य आकर्षण पतंगबाजी प्रतियोगिता रहा, जिसमें युवाओं ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और आसमान को रंग-बिरंगी पतंगों से भर दिया।

इस अवसर पर बैरवा समाज पंजाब की उपप्रधान श्रीमती मांगी देवी, कमलेश, सुनीता, शशि, ललिता समेत अनेक समाजसेवियों और महिलाओं ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना, सामाजिक एकता को मजबूत करना और भारतीय परंपराओं को जीवंत बनाए रखना रहा। आयोजन में आई सभी महिलाओं और बच्चों ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया और आयोजकों को हृदय से धन्यवाद दिया।

सिटीजन्स अवेयरनेस ग्रुप और ट्राई ने चंडीगढ़ में मोबाइल क्षेत्र और साइबर सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़/ सिटीजन्स अवेयरनेस ग्रुप ने टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के सहयोग से, चंडीगढ़ के सेक्टर 20 स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों को उपभोक्ता अधिकारों, मोबाइल डिवाइस के उपयोग और साइबर सुरक्षा के बारे में शिक्षित करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत सिटीजन्स अवेयरनेस ग्रुप के चेयरमैन सुरिंदर वर्मा ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए की। उन्होंने ऐसे प्रयासों के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “यह कार्यक्रम टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों को एक मंच प्रदान करता है, जहाँ वे उपभोक्ताओं को मोबाइल क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों और डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशनस (DoT) द्वारा की जा रही पहलों के बारे में जागरूक कर सकते हैं।

सिटीजन्स अवेयरनेस ग्रुप की सेक्रेटरी मोहिंदर कटारिया ने सरकार द्वारा हाल ही में शुरू किए गए उपभोक्ता-अनुकूल पोर्टल का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की पहलों से उपभोक्ताओं को मोबाइल डिवाइस और सेवाओं के चुनाव में अधिक जानकारी मिलती है और वे बेहतर निर्णय ले सकते हैं।

इस सत्र में बीएसएनएल के आशीष और ललित, वीआई के रवि, एयरटेल के गुरपाल और रिलायंस जियो के संजीव वोहरा सहित प्रमुख टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की। उन्होंने उपभोक्ताओं से जुड़ी चुनौतियों और उन्हें दूर करने के लिए कंपनियों द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी साझा की।

कार्यक्रम का समापन इस मजबूत संदेश के साथ हुआ कि उपभोक्ताओं की निरंतर शिक्षा और सभी संबंधित पक्षों के बीच सहयोग, एक अधिक सुरक्षित और पारदर्शी टेलीकॉम वातावरण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।

फोर्टिस अस्पताल मे विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के लिए फर्स्ट लाइन थेरेपी के रूप में अपनाया गया

सिटीन्यूज़ नॉउ

मोहाली / फोर्टिस अस्पताल मोहाली के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी विभाग ने ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के मरीजों के लिए फर्स्ट लाइन थेरेपी के रूप में मायकोफेनोलेट मोफेटिल (एमएमएफ) नामक नई दवा को लेकर जागरूकता फैलाने का कार्य शुरू किया है।

ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस एक कम जाना-पहचाना लेकिन गंभीर और दीर्घकालिक लिवर रोग है, जो यदि समय पर इलाज न हो तो लिवर सिरोसिस, लिवर फेलियर और यहां तक कि लिवर कैंसर का कारण बन सकता है।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। विश्व हेपेटाइटिस दिवस-2025 की थीम है: “हेपेटाइटिस: लेट्स ब्रेक इट डाउन”।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर जानकारी देते हुए, डॉ. अरविंद साहनी, डायरेक्टर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने बताया कि वायरल हेपेटाइटिस के विपरीत, ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (एआईएच) शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा लिवर कोशिकाओं पर हमला करने से होता है।

यह बीमारी महिलाओं में अधिक सामान्य है, हालांकि पुरुष भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। इसका प्रकोप विशेष रूप से बचपन, किशोरावस्था और 40 से 60 वर्ष की आयु के वयस्कों में देखा जाता है। प्रति लाख जनसंख्या पर 1.3 की दर से होने वाला यह रोग अक्सर पहचान में नहीं आता।

डॉ. साहनी ने बताया कि इस रोग के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं, और यह वायरल हेपेटाइटिस या दवा-जनित लिवर चोट की नकल कर सकता है। मरीजों में थकान, पीलिया, पैरों में सूजन, पेट में पानी भरना, आंतों से खून आना, मासिक धर्म में अनियमितता और तंत्रिका संबंधी लक्षण देखे जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हेपाटोमेगली (लिवर का बढ़ जाना) भी एक सामान्य लक्षण है।उन्होंने कहा कि इस रोग की पहचान के लिए विशेष ब्लड टेस्ट किए जाते हैं, जिनमें लिवर फंक्शन और ऑटोइम्यून मार्कर जैसे कि एंटी-न्यूक्लियर एंटीबॉडी और स्मूथ मसल एंटीबॉडी शामिल हैं। पुष्टि के लिए लिवर बायोप्सी आवश्यक होती है।

डॉ. साहनी ने जोर देते हुए कहा कि ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के प्रति जागरूकता बेहद आवश्यक है। यह भले ही वायरल हेपेटाइटिस से कम सामान्य हो, लेकिन समय पर पहचान और सही इलाज न मिलने पर यह अधिक खतरनाक हो सकता है। एमएमएफ जैसी नई थैरेपी से समय रहते उपचार शुरू करने पर मरीजों के स्वास्थ्य परिणामों में उल्लेखनीय सुधार संभव है।

भारत में 30 लाख लोग कैंसर से पीड़ित : डॉ. हरिंदर पाल सिंह

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़/ सिर और गर्दन के कैंसर जागरूकता दिवस की पूर्व संध्या पर, पार्क अस्पताल मोहाली में डायरेक्टर मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. हरिंदरपाल सिंह, सीनियर कंसलटेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. विजय जगड़, और कंसलटेंट रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. जोबनजीत कौर ने शनिवार को एक कॉन्फ्रेंस के दौरान सिर और गर्दन के कैंसर के बारे में विभिन्न तथ्य साझा किए।

डॉ. (ब्रिगेडियर) हरिंदरपाल सिंह ने कहा कि भारत में 30 लाख लोग कैंसर से पीड़ित हैं, जिनमें से 14 लाख नए मामले हैं और भारत में हर साल कैंसर से 9.10 लाख लोगों की जान जाती है। सिर और गर्दन के कैंसर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह कैंसर का एक रूप है, जो मुख्यतः हमारी जीवनशैली, सुपारी चबाने की लत, तंबाकू और शराब के सेवन और खराब मौखिक स्वच्छता के कारण होता है। जीवनशैली में बदलाव और तंबाकू से परहेज करके सिर और गर्दन के कैंसर को रोका जा सकता है।

पार्क हॉस्पिटल्स उत्तर भारत का सबसे बड़ा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल नेटवर्क है, जिसमें 19 अस्पताल, 3500 बेड, 800 आईसीयू बेड, 14 कैथ लैब, 45 मॉड्यूलर ओटी और 1000 से अधिक डॉक्टर हैं। डॉ. विजय जगड़ ने बताया कि भारत में हर साल 1.75 लाख नए मामलों के साथ, दुनिया भर में मुख कैंसर के सबसे ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं। देश में मुख कैंसर के 90 प्रतिशत मामलों में तंबाकू और गुटखा चबाने से योगदान होता है।”सिर और गर्दन का कैंसर गले, गर्दन, स्वरयंत्र, मुँह और साइनस के पास शुरू होता है।

यह आमतौर पर शरीर के इन हिस्सों की कोशिकाओं में शुरू होता है। डॉ. जोबनजीत कौर ने बताया, न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी, अंग संरक्षण तकनीक और रेडियोथेरेपी व मेडिकल ऑन्कोलॉजी में प्रगति ने कैंसर के उपचार को और बेहतर बनाया है, जिससे मॉर्बिडिटी और मृत्यु दर में कमी आई है। पार्क हॉस्पिटल्स के ग्रुप सीईओ- नॉर्थ आशीष चड्ढा ने कहा कि ग्रीसिशन पार्क हॉस्पिटल, मोहाली, ट्राइसिटी का पहला अस्पताल है जिसने एक कमरे में व्यापक कैंसर देखभाल सेवा शुरू की है।

मोहाली, चंडीगढ़, पंचकूला, यमुनानगर, अंबाला, रोपड़, नवांशहर, पटियाला, करनाल, कैथल, सोलन और शिमला के मरीज इससे काफी लाभान्वित हो रहे हैं। आशीष ने बताया कि अब हम कैंसर के इलाज के लिए हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सरकारों, ईसीएचएस, सीजीएचएस, आयुष्मान और सभी प्रमुख टीपीएएस और कॉर्पोरेट्स के साथ भी जुड़े हुए हैं।

मैक्स अस्पताल, मोहाली द्वारा आज चंडीगढ़ मे वेट लॉस चैंपियन मीट हुई आयोजित

लगभग 50 बैरिएट्रिक सर्जरी मरीज़ों ने लिया हिस्सा

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ / मैक्स अस्पताल, मोहाली द्वारा आज चंडीगढ़ के एक होटल में आयोजित वेट लॉस चैंपियन मीट में लगभग 50 बैरिएट्रिक सर्जरी मरीज़ों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर, मरीज़ों ने मैक्स में सफल बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद मोटापे से स्वस्थ बनने के अपने प्रेरणादायक परिवर्तनकारी सफ़र साझा किया ।

बैरिएट्रिक सर्जरी के मरीज़ मोहर सिंह को कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ थीं, जिनमें साँस लेने में तकलीफ़, फैटी लिवर और बढ़ते वज़न के कारण गतिशीलता में कमी शामिल थी। उनका आत्म-सम्मान गिर गया था। उन्हें सामाजिक परिस्थितियों से डर लगता था और वे शर्मिंदा और अयोग्य महसूस करते थे। फिर उन्होंने वज़न घटाने की सर्जरी करवाने और अपने जीवन को बेहतर बनाने का फैसला किया।

मैक्स अस्पताल में जनरल , गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल और रोबोटिक सर्जरी के सीनियर कंसलटेंट डॉ. अनुपम गोयल कहते हैं कि हम मोटापे को बेहतर समझते हैं और यह सिर्फ़ आत्म-नियंत्रण का मामला नहीं है। “ज़्यादा वज़न या मोटापे से ग्रस्त कई लोग खानपान और व्यायाम के ज़रिए वज़न कम करने की कोशिश में सालों बिता देते हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलती। ऐसे मामलों में, वज़न घटाने की सर्जरी ज़िंदगी बढ़ा सकती है।

इस अवसर पर, मनोरंजक खेलों और गतिविधियों के अलावा, एक स्वस्थ रेसिपी कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें एक प्रशिक्षित शेफ के साथ लाइव गुडी बैग और सरप्राइज गिवअवे इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किया गया।

गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, चंडीगढ़ में ‘ऑडियो-विज़ुअल टीचिंग एड्स’ पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

0

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़ / गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, सेक्टर 20-डी, चंडीगढ़ की स्किल-इन-टीचिंग कमेटी द्वारा ‘ऑडियो-विज़ुअल टीचिंग एड्स’ विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यशाला कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सपना नंदा के सशक्त नेतृत्व और डॉ. मीना (स्किल-इन-टीचिंग कमेटी की संयोजक) के कुशल समन्वय में आयोजित की गई।

कार्यशाला के दौरान विभिन्न विद्यालयी विषयों में ऑडियो-विज़ुअल टीचिंग एड्स के समावेश पर विशेष ध्यान दिया गया। कार्यशाला में बी.एड. तृतीय सेमेस्टर के कुल 103 छात्र-शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने समूहिक प्रदर्शन, हस्त-क्रियात्मक गतिविधियाँ और विशेषज्ञों के नेतृत्व में चर्चा के माध्यम से वास्तविक कक्षा परिवेश में ऑडियो-विज़ुअल सामग्री के निर्माण, विकास और उपयोग की प्रभावी तकनीकें सीखी।

इस अवसर पर अनेक प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और विषय विशेषज्ञों की गरिमामयी उपस्थिति एवं सक्रिय भागीदारी रही। प्रमुख वक्ताओं में डॉ. नवनीत कड (सहायक राज्य परियोजना निदेशक, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा), जिन्होंने डिजिटल टूल्स की भूमिका और गुणवत्ता शिक्षा के मानकों पर अपने विचार साझा किए; श्री किरणदीप सिंह (राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त गणित शिक्षक), जिन्होंने गणित कक्षाओं में कम लागत वाले शिक्षण सामग्री के नवाचारपूर्ण उपयोग का प्रदर्शन किया; श्री जीसू जसकंवर सिंह (प्रमुख, शिक्षा विभाग, सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन, पंजाब विश्वविद्यालय), जिन्होंने शिक्षक प्रशिक्षण में मीडिया साक्षरता और तकनीकी एकीकरण के महत्व पर बल दिया; प्रो. एम.एस. मारवाहा (पूर्व प्राचार्य, श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज, चंडीगढ़) और श्री राज कुमार जैसे शिक्षाविदों ने अपने समृद्ध अकादमिक अनुभवों और व्यावहारिक शिक्षण रणनीतियों से प्रतिभागियों को लाभान्वित किया।

21वीं सदी की शिक्षण आवश्यकताओं के अनुरूप नवाचारपूर्ण शिक्षण पद्धतियों को बढ़ावा देने के प्रति कॉलेज की प्रतिबद्धता को और भी सुदृढ़ करते हुए यह कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हुई ।

कौशिक की शतकीय पारी से लेज़र ज़ोन ने रॉक ज़ोन को दी रोमांचक शिकस्त

0

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़ / कप्तान अंकित कौशिक की शानदार शतकीय पारी की बदौलत लेज़र ज़ोन ने यूटीसीए वनडे मैच में रॉक ज़ोन को तीन विकेट से हराकर रोमांचक जीत दर्ज की। यह मुकाबला शुक्रवार को एसएससीए क्रिकेट अकादमी, कांडला में खेला गया।

इससे पहले रॉक ज़ोन ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी। ओपनर रमनजीत सिंह (100) और कप्तान अरिजीत सिंह (104) ने पहले विकेट के लिए 192 रनों की मजबूत साझेदारी कर टीम को बेहतरीन शुरुआत दिलाई। निर्धारित 50 ओवरों में रॉक ज़ोन ने 4 विकेट पर 281 रन बनाए। लेज़र ज़ोन की ओर से चिराज़ सिंह ने 55 रन देकर 2 विकेट झटके।

लक्ष्य का पीछा करते हुए हरतेजस्सवी कपूर (4/56) ने लेज़र ज़ोन की टॉप ऑर्डर को ध्वस्त किया और टीम को 127/5 के संकट में डाल दिया। लेकिन इसके बाद कप्तान अंकित कौशिक ने मोर्चा संभालते हुए 125 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली, जिसमें उन्होंने छह चौके और छह छक्के जड़े। वह टीम का स्कोर 239/7 तक पहुंचाकर आउट हुए।आखिरी ओवरों में नाबाद सक्षम सिंह सलारिया (42) ने संयम से खेलते हुए चार गेंद शेष रहते टीम को जीत दिला दी।

पीएचडीसीसीआई ने क्षेत्रीय साइबर सुरक्षा एवं एआई सम्मेलन का किया आयोजन

चंडीगढ़ में साइबर सुरक्षा और एआई नवाचार केंद्र के रूप में उभरने की अपार संभावनाएं

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़ । पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित साइबर सुरक्षा तथा एआई सम्मेलन में ट्राईसिटी के 300 से अधिक उद्योगपतियों, शिक्षा जगत, स्टार्टअप, प्रोफेशनल तथा सरकारी प्रतिनिधियों ने भाग लेकर साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में उभरती चुनौतियों और नवाचारों पर चर्चा की।

इस अवसर पर भारत सरकार के कारपोरेट मामले मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक विनोद शर्मा ने एक वीडियो संबोधन के माध्यम से डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में कॉर्पोरेट प्रशासन के बढ़ते महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बढ़ती निर्भरता के साथ-साथ कॉर्पोरेट संस्थाओं में साइबर अनुपालन और डेटा अखंडता को प्राथमिकता देना भी आवश्यक है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पाक्र्स ऑफ इंडिया के निदेशक शैलेंद्र त्यागी ने डीप-टेक स्टार्ट-अप्स को पोषित करने में एसटीपीआई की भूमिका के बारे में बताया। चंडीगढ़ प्रशासन के उद्योग विभाग के निदेशक पवित्र सिंह ने डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने जोर देकर कहा कि चंडीगढ़ में साइबर सुरक्षा और एआई नवाचार के केंद्र के रूप में उभरने की अपार संभावनाएं हैं और उन्होंने उद्योग एवं शिक्षा जगत के साथ, विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स को सशक्त बनाने के लिए, गहन सहयोग में रुचि व्यक्त की।

गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए पीएचडीसीसीआई की क्षेत्रीय निदेशक सुश्री भारती सूद ने उभरती प्रौद्योगिकियों पर संवाद को बढ़ावा देने के लिए चैंबर की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सीईओ डॉ.अनिरुद्ध गुप्ता ने जमीनी स्तर पर साइबर जागरूकता पर ज़ोर दिया। इस अवसर पर एआई और साइबर सुरक्षा:एमएसएमई निर्यात के लिए महत्वपूर्ण बदलाव, डीपीडीपी अधिनियम 2023:अनुपालन, भ्रम और परिणाम, एआई के साथ स्मार्ट स्केलिंग -व्यवसाय/एमएसएमई विकास के लिए एआई का लाभ कैसे उठा सकते हैं समेत कई विषयों पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया।