सिटीन्यूज़ नॉउ
चंडीगढ़/ बुधवार को सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने देशभर में चलाए जाने वाले पब्लिक हेल्थ इनिशिएटिव -कॉनकर एचपीवी एंड कैंसर कॉन्क्लेव का सिटी ब्यूटीफुल मे आयोजन किया।
ज्ञात रहे कि एचपीवी से जुड़ी बीमारियों मे सर्वाइकल कैंसर चिंताजनक है। एचपीवी महिलाओं में होने वाली कैंसर की दूसरी सबसे बड़ी वजह है। आईसीओ/आईएआरसी इंफॉर्मेशन सेंटर ऑन एचपीवी एंड कैंसर (2023) के मुताबिक हर साल भारत में 1.23 लाख सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं और इनमें 77,000 मौतें होती हैं। इसके अलावा गुदा के कैंसर के 90 प्रतिशत और लिंग के कैंसर के 63 प्रतिशत मामले एचपीवी से ही जुड़े होते हैं।
इस कॉन्क्लेव मे डॉ. महेश हीरानंदानी, बाल रोग प्रमुख, क्लाउडनाइन अस्पताल, चंडीगढ, डॉ. सीमा शर्मा, क्लाउडनाइन अस्पताल, वरिष्ठ सलाहकार, अध्यक्ष, सीओजीएस पूर्व सचिव, मेनोपॉज सोसाइटी रीजन चंडीगढ़ सीआरएमएस, डॉ. मनीषा जैन, नोवा आईवीएफ, चंडीगढ़ में वरिष्ठ सलाहकार और आईवीएफ, विशेषज्ञ।
चंडीगढ़ ऑब्सट एंड गायनोकोलॉजी सोसाइटी की संयोजक,डॉ. श्वेता तहलान, कंसल्टेंट गायनोक ऑन्कोलॉजिस्ट और रोबोटिक सर्जन, फोर्टिस अस्पताल, मोहाली डॉ. गौरव गुप्ता, ईबी चंडीगढ़, संस्थापक – चरक क्लीनिक, मोहाली आदि अनेक हस्तियों ने शिरकत की।सभी विशेषज्ञों ने जानकारी दी कि एचपीवी से सिर्फ सर्वाइकल कैंसर ही नहीं होता है, बल्कि इससे वलवा, वैजाइना, गुदा, लिंग और ओरोफेरिंक्स का कैंसर भी होता है। एचपीवी के संक्रमण के बचाव के लिए अब कम खर्चीली एचपीवी वैक्सीन (टीके) उपलब्ध है।
सिटीन्यूज़ नॉउ से जानकारी सांझा करते हुए सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डाइरेक्टर पराग देशमुख ने कहा कि इस कॉन्क्लेव का मकसद ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के बारे में लोगों को जागरूकता लाना है। उन्होने बताया कि यह सर्वाइकल कैंसर के साथ-साथ अन्य तरह के कैंसर का कारण है। चिकित्सकों, स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों और समाज के लोगों को एक मंच पर लाकर इसकी पहचान और रोकथाम से जुड़े व्यावहारिक समाधान पर चर्चा की गई।